India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:बांग्लादेश अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में रहने से खुश नहीं है। शेख हसीना भारत में निर्वासन में रहते हुए भी अपने समर्थकों को वर्चुअली संबोधित कर रही हैं। गुरुवार को बांग्लादेश ने भारत के कार्यवाहक दूत के समक्ष विरोध दर्ज कराया और कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की “झूठी और मनगढ़ंत टिप्पणियां” ढाका के खिलाफ “शत्रुतापूर्ण कार्रवाई” हैं।
विदेश मंत्रालय ने यहां एक बयान में भारत से कहा कि वह आपसी सम्मान और समझ की भावना से तुरंत उचित कदम उठाए, ताकि वह भारत में रहते हुए सोशल मीडिया और संचार के अन्य माध्यमों का उपयोग करके इस तरह के झूठे, मनगढ़ंत और भड़काऊ बयान न दे सकें।
यह घटनाक्रम हसीना के बुधवार रात के भाषण के एक दिन बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने देशवासियों से मौजूदा शासन के खिलाफ प्रतिरोध संगठित करने का आह्वान किया था।
बांग्लादेश में तोड़फोड़
आपको बता दें कि बुधवार को जब शेख हसीना वर्चुअल माध्यम से अपना भाषण दे रही थीं, तब प्रदर्शनकारियों ने ढाका में बांग्लादेश के संस्थापक और उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान के आवास में तोड़फोड़ और आग लगा दी थी। इसके साथ ही आवामी लीग के नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया गया और तोड़फोड़ और आगजनी की गई।
ढाका में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सौंपे गए विरोध पत्र में बांग्लादेश ने गहरी निराशा, चिंता और गंभीर आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह के बयान से बांग्लादेश के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है।
भारत में रह रही हैं शेख हसीना
बता दें कि बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री 77 वर्षीय शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त से बांग्लादेश में हुए हिंसक छात्र आंदोलन के बाद भारत आई थीं। उसके बाद वहां नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी है। अंतरिम सरकार के दौरान शेख हसीना समेत आवामी लीग के नेताओं पर हत्या समेत कई मामले दर्ज किए गए हैं।
बुधवार रात जब उनके पिता का घर तोड़ा जा रहा था, तब शेख हसीना ने कहा था कि वे इमारत को गिरा सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं… लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है। उनमें राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस स्वतंत्रता को नष्ट करने की शक्ति नहीं है जो हमने लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर अर्जित की है।
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