India News (इंडिया न्यूज),China:भारत के पड़ोसी देश चीन की सेना को अब अपने ही नागरिकों पर भरोसा नहीं रहा। यही वजह है कि वह चीनी नागरिकों की जगह सेना में रिटायर्ड उत्तर कोरियाई सैनिकों की भर्ती करना चाहता है। यह दावा हम नहीं कर रहे बल्कि चीनी सेना की खुफिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। चीन उत्तर कोरिया के रिटायर्ड या निष्कासित सैनिकों की मदद से पाकिस्तान अफगानिस्तान में चल रहे अपने प्रोजेक्ट की सुरक्षा करना चाहता है। चीनी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के बाद चीन की निजी सुरक्षा कंपनियों ने भी पूर्व कोरियाई सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
रिपोर्ट में खुलासा
रूस की तरफ से यूक्रेन युद्ध में हिस्सा ले रहे उत्तर कोरियाई सैनिकों को लेकर चीन की खुफिया एजेंसी ने अपने शीर्ष कमान को एक रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर कोरियाई सैनिक वफादारी में बहुत आगे होते हैं। जिस जगह की सुरक्षा उन्हें सौंपी जाती है, वे उसकी जान देकर भी रक्षा करते हैं। उत्तर कोरियाई सैनिक बहुत वफादार होते हैं अगर कोई दूसरी एजेंसी उन्हें पकड़ भी ले तो वे खुद को उड़ा लेते हैं। चीनी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें पाकिस्तान अफगानिस्तान में अपने प्रोजेक्ट और चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए ऐसे लोगों की जरूरत होती है। चीनी खुफिया एजेंसी का मानना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में दी जा रही सुरक्षा पूरी तरह से फुलप्रूफ नहीं है। क्योंकि इसमें भर्ती किए गए स्थानीय लोग सुरक्षा देने में पूरी तरह सक्षम नहीं हैं।
क्या है पूरा मामला ?
एजेंसी का मानना है कि यही वजह है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में उनके लोगों को आसानी से निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही पाकिस्तान में उनके प्रोजेक्ट्स को सीधे निशाना बनाया जा रहा है, जिससे करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ है। खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर चीन ने अब अपनी निजी सुरक्षा कंपनियों से कोरिया सागर छोड़कर आए सैनिकों और वहां से रिटायर हुए सैनिकों को बड़े पैमाने पर भर्ती करने को कहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में चीन पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अपने प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी इन सैनिकों को सौंप सकता है।