India News (इंडिया न्यूज), Pakistan Train Hijack: बलूच लिबरेशन आर्मी ने कल पाकिस्तान में एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया। इस दौरान बलूच लड़ाकों ने 30 सैनिकों को मार गिराया और ऑपरेशन में 27 विद्रोही मारे गए। सेना ने 215 बंधकों में से 155 को बचा लिया और बाकी को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन जारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्वेटा से पेशावर जा रही इस ट्रेन में 425 लोग सवार थे। दरअसल, BLA का मकसद पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित बलूचिस्तान की आजादी है। यह इलाका उत्तर में अफगानिस्तान और पश्चिम में ईरान से सटा हुआ है। वे दशकों से सरकार से लड़ रहे हैं। विद्रोह की इसी आग में पाकिस्तान और ईरान ने मिलकर बलूचिस्तान पर हमला कर दिया।
क्या है संघर्ष?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, पाकिस्तान का बलूचिस्तान इलाका गैस और खनिज समेत कई प्राकृतिक संसाधनों से बेहद समृद्ध है। यह चीन द्वारा वित्तपोषित अरबों डॉलर की परियोजना का अहम हिस्सा है, जिसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) कहा जाता है। यह परियोजना चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बेल्ट एंड रोड पहल का हिस्सा है। चीन यहां खनन और ग्वादर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में भी शामिल है। पाकिस्तान में विद्रोही समूह इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। चूंकि यह पाकिस्तान में स्थित है और इसका एक हिस्सा ईरान की सीमा से भी लगता है, इसलिए दोनों देशों के समूह दशकों से यहां अधिक स्वायत्तता के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
ईरान और पाकिस्तान एक दूसरे पर करते हैं हमला
ईरान और पाकिस्तान दोनों एक-दूसरे पर हमला करते रहते हैं, लेकिन 16 जनवरी 2024 को ईरान का पाकिस्तान पर हमला बढ़ गया। इस दौरान पाकिस्तान ने कहा कि वहां से दो बच्चों की मौत हुई। इसके बाद पाकिस्तान ने ईरान के इलाके में हवाई हमला कर जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान ईरान ने कहा कि यहां नौ लोग मारे गए। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरानी इलाके में मिसाइल हमला किया, जिसमें ईरान का कहना है कि नौ लोग मारे गए। ईरान ने दावा किया कि वह ईरान के खिलाफ सक्रिय आतंकवादी समूह जैश अल-अदल को निशाना बना रहा था, जबकि पाकिस्तान ने कहा कि ईरान के निशाने पर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) के भीतर दो आतंकवादी समूहों के ठिकाने थे।
परवेज मुशर्रफ ने शुरू किया था आतंकवाद विरोधी अभियान
1950, 1960 और 1970 के दशक में कई चरणों में विरोध प्रदर्शन जारी रहे। एक शांत अवधि के बाद, 2003 से सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ के दौर में विद्रोही गतिविधियां काफी बढ़ गईं। उन्होंने बलूचिस्तान में कई आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए और एक प्रसिद्ध बलूच नेता नवाब अकबर खान बुगती की हत्या कर दी गई। इसके अलावा, बलूचिस्तान के लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय उन्हें जबरन पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया था, जबकि वे खुद को एक स्वतंत्र देश के रूप में देखना चाहते थे।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, वर्तमान में बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले कई अलगाववादी समूह सक्रिय हैं। इनमें से सबसे पुराना और सबसे प्रभावी संगठन BLA यानी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी है। वर्ष 2007 में पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को चरमपंथी संगठनों की सूची में डाल दिया था। यह समूह बलूचिस्तान को विदेशी प्रभाव, खासकर चीन और पाकिस्तानी सरकार से आजाद कराना चाहता है। BLA का मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर पहला हक उनका है।