India News (इंडिया न्यूज),South Korea:दक्षिण कोरिया में पिछले छह महीने से राजनीतिक उथल-पुथल देखी जा रही थी। यही वजह है कि 3 जून 2025 को वहां विशेष राष्ट्रपति चुनाव कराए गए। इस चुनाव में लिबरल पार्टी के उम्मीदवार ली जे-म्यांग ने जीत हासिल की है। इसके साथ ही किम मून-सू ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। जे-म्यांग को 49.3 प्रतिशत से अधिक वोट मिले हैं, जबकि करीब 27 साल बाद देश में मतदान प्रतिशत 80 प्रतिशत से अधिक रहा है। दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति को अपने राजनीतिक जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें जानलेवा हमला भी शामिल है।
इस वजह से कराया गया चुनाव
दक्षिण कोरिया में यह चुनाव पिछले 6 महीने के हालात को देखते हुए कराया गया है। देश के पूर्व राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने अचानक मार्शल लॉ लगाने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद हालात बिगड़ने लगे। मार्शल लॉ के ऐलान के बाद पूरे देश में इसका विरोध हुआ और लोग सड़कों पर उतर आए। हालात ऐसे हो गए कि राष्ट्रपति को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। इसके साथ ही दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने लाइव टीवी पर सिर झुकाकर माफी मांगी।
नए राष्ट्रपति कौन हैं?
1963 में ग्योंगबुक प्रांत के एंडोंग के एक सुदूर पहाड़ी गांव में जन्मे ली एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। ली जे-म्यांग 2022 का चुनाव मामूली अंतर से हार गए थे। उस समय उनकी पार्टी तीसरे स्थान पर थी। वे पहले मानवाधिकार वकील थे, हालांकि बाद में वे राजनेता बन गए। म्यांग ने पूर्व राष्ट्रपति यूं के खिलाफ महाभियोग में अहम भूमिका निभाई है। यही वजह है कि उन्हें पार्टी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था। राजनीति में आने से पहले वे करीब 20 साल से मानवाधिकार वकील के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने साल 2005 में राजनीति में कदम रखा था। ली इससे पहले दक्षिण कोरिया के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत ग्योंगगी प्रांत के गवर्नर और सेयोंगनाम शहर के मेयर रह चुके हैं। इसके बाद वे तीन साल तक ग्योंगगी प्रांत के गवर्नर रहे। देश में मार्शल लॉ लागू होने के दौरान नेशनल असेंबली की दीवारों पर चढ़ते हुए उनकी एक तस्वीर वायरल हुई थी। म्यांग मुश्किल दिनों में एक फैक्ट्री में भी काम कर चुके हैं। 2024 में बुसान की यात्रा के दौरान म्युंग की गर्दन पर सात इंच लंबे चाकू से हमला किया गया था। डीपी नेता को इलाज के लिए सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी अस्पताल ले जाया गया था।
संसदों में गुस्सा
राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ लगाने के फैसले के बाद से ही देश और संसदों में गुस्सा था। यही वजह है कि 14 दिसंबर को सांसदों ने यूं पर महाभियोग चलाने और उन्हें पद से निलंबित करने के लिए मतदान किया। हालांकि, अदालत ने इस मतदान पर विचार-विमर्श करने के लिए छह महीने का समय दिया था। इस दौरान हान डुक-सू को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया।
हालांकि, कुछ ही समय बाद हान पर भी महाभियोग लगाया गया। इसके पीछे की वजह विशेष विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इनकार करना बताया गया। हान को पद से हटाए जाने के बाद तत्कालीन वित्त मंत्री चोई सांग-मोक को कार्यभार सौंपा गया। इस दौरान यूं सुक येओल को हिरासत में लिया गया। हालांकि, अदालत के फैसले के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। 4 अप्रैल को अदालत ने अपना फैसला सुनाया और यूं को बर्खास्त कर दिया। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि नए अध्यक्ष के लिए चुनाव 3 जून को होंगे।
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