India News (इंडिया न्यूज), History Of Nepal: नेपाल में हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें लोकतंत्र नहीं बल्कि राजतंत्र चाहिए। वहां मौजूद भीड़ राजतंत्र के नारे लगा रही है और पूर्व राजा का स्वागत भी कर रही है। करीब 16 साल पहले नेपाल दुनिया का एकमात्र हिंदू राष्ट्र हुआ करता था। 2008 तक नेपाल के राजा ज्ञानेंद्र शाह थे, लेकिन फिर माओवादी आंदोलन और तथाकथित वामपंथी क्रांति हुई और इस देश में सत्ता परिवर्तन हुआ। ज्ञानेंद्र शाह को गद्दी छोड़नी पड़ी, लेकिन अब राजतंत्र के समर्थक फिर से राजतंत्र की वापसी की मांग कर रहे हैं। आइए जानते हैं ऐसा क्यों है और नेपाल का इतिहास क्या है।

मुगल और अंग्रेज भी नेपाल पर कब्जा नहीं कर पाए

इतिहास की बात करें तो नेपाल कभी भारत का हिस्सा था। लेकिन अंग्रेजों और मुगलों ने इसे अपने राज्य में शामिल करने के बारे में कभी नहीं सोचा। दरअसल, उस दौर में नेपाल पर कब्जा करना इतना आसान नहीं था। अगर इतिहास पर नजर डालें तो जब भी आक्रमणकारियों ने भारत पर कब्जा किया है, उसके दो कारण रहे हैं, या तो वह इलाका उनके रास्ते में था या फिर उन्हें वहां से लूटपाट करनी पड़ी थी।

नेपाल भी कम महत्वपूर्ण नहीं था। लेकिन नेपाल ऊंची दुर्गम पहाड़ियों से घिरा हुआ था और नेपालियों से लड़ना आसान नहीं था। अंग्रेजों के लिए भी यह आसान काम नहीं था। अंग्रेजों ने नेपालियों से लड़ाई की और जीत हासिल की, लेकिन उनकी हालत बहुत खराब हो गई थी। इसीलिए नेपाल और अंग्रेजों के बीच समझौता हुआ और अंग्रेजों ने यहां व्यापार करने में दिलचस्पी दिखाई।

क्यों हो रही है हिंदू राष्ट्र की मांग?

नेपाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवींद्र मिश्रा ने बीबीसी को बताया था कि उनकी पार्टी नेपाल में राजशाही क्यों चाहती है. उन्होंने कहा कि नेपाल के लोग इस समय नेपाल में चल रही व्यवस्था से निराश हो चुके हैं. लोग इस समय पुराने दिनों को याद कर रहे हैं. 2008 में सत्ता परिवर्तन के 17 साल बाद वहां के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह अब खलनायक नहीं रहे. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो वहां के लोगों का कहना है कि अब उनका नई शासन व्यवस्था से मोहभंग हो चुका है. देश की हालत बदतर होती जा रही है।

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एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि वह 16 साल पहले राजशाही को खत्म करने के लिए किए गए प्रदर्शन में शामिल था। उम्मीद थी कि हालात बदलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नेपाल में कुछ भी नहीं बदला है और बल्कि देश तो और भी बदल गया है, इसीलिए अब लोगों ने अपनी सोच बदल ली है। देश में शिक्षा और स्वास्थ्य की हालत बदतर है, अस्थिरता है और महंगाई बढ़ रही है। गरीबों के पास खाने को कुछ नहीं है। देश में नियम अमीरों पर लागू नहीं होते, इसलिए वहां के लोग अपने राजा को वापस चाहते हैं।

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