India News (इंडिया न्यूज), New Zealand Parliament: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जहां लोगों के काम को बेहद आसान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके कुछ गलत इस्तेमाल भी हैं जो लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। क्योंकि AI की मदद से किसी भी फोटो के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। इसका ताजा उदाहरण न्यूजीलैंड की संसद में देखने को मिला। पिछले महीने न्यूजीलैंड की संसद में एक महिला सांसद ने अपनी खुद की न्यूड तस्वीर दिखाकर लोगों को इसकी हकीकत से रूबरू कराया।

गूगल की मदद से चंद मिनटों में बनाई फर्जी तस्वीर

न्यूजीलैंड में ACT पार्टी की सांसद लॉरा मैकलर ने गूगल पर बस चंद मिनटों में एक वेबसाइट की मदद से अपनी फेक नग्न फोटो बनाई।  24 मई को संसद में बहस के दौरान उन्होंने यह तस्वीर सबसे सामने दिखाई और कहा, ‘यह मेरी न्यूड फोटो है, लेकिन असली नहीं है। मुझे अपनी डीपफेक तस्वीरें बनाने में 5 मिनट से भी कम समय लगा।’ संसद में बहस के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कहा, ‘मैंने संसद के बाकी सदस्यों का ध्यान इस ओर दिलाया कि यह काम कितना आसान है और इसकी वजह से कितना शोषण और नुकसान हो रहा है। खास तौर पर छोटी लड़कियों का।’

न्यूड फोटो दिखाने को लेकर सांसद ने क्या कहा?

इसके बाद उन्होंने अपनी नग्न तस्वीर दिखाए जाने को लेकर कहा- ‘यह बहुत ही डरावना अनुभव था, लेकिन वह चाहती हैं कि इस मुद्दे पर सख्त कानून बनाए जाएं, ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।’  उन्होंने कहा कि फिलहाल न्यूजीलैंड के कानून सीधे तौर पर डीपफेक से जुड़े अपराधों को कवर नहीं करते हैं, हालांकि कुछ नियम डिजिटल नुकसान और उत्पीड़न से जुड़े हैं।

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नए बिल का समर्थन

सांसद मैकलर अब डीपफेक डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉयटेशन बिल नाम के एक नए बिल का समर्थन कर रही हैं, जिसके जरिए रिवेंज पोर्न और निजी वीडियो से जुड़े पुराने कानूनों को अपडेट किया जाएगा। बिना अनुमति के डीपफेक बनाना या शेयर करना अपराध माना जाएगा। इसके अलावा पीड़ितों को ऐसे कंटेंट को हटवाने का अधिकार मिलेगा और न्याय पाने की प्रक्रिया भी आसान होगी।

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