India News (इंडिया न्यूज),Ukraine Russia Conflict:चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव हो या फिर इजरायल और हमास के बीच चल रहा युद्ध। पिछले कुछ समय से दुनिया के ज्यादातर देश खुद को एक बड़े युद्ध के लिए तैयार कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही इस समय नाटो और रूस के बीच देखने को मिल रहा है। जिस तरह से यूक्रेन ने ड्रोन से रूस को निशाना बनाया है, उससे माना जा रहा है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर बड़ा हमला कर सकता है, अगर रूस हमला करता है तो यह लड़ाई लंबी हो सकती है क्योंकि ब्रिटेन ने भी अपने देश के लोगों से युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है।

अभी बताया जा रहा है कि नाटो देश इस समय रूसी राष्ट्रपति पुतिन से काफी नाराज हैं। अमेरिका के बार-बार अनुरोध के बावजूद पुतिन अपनी शर्तों पर युद्ध विराम के लिए अड़े हुए हैं। आइए, आपको बताते हैं कि क्या रूस नाटो देश के खिलाफ अकेले लड़ सकता है और अगर युद्ध होता है तो कौन सा देश उसका साथ देगा।

सबसे ज्यादा 5580 परमाणु हथियार

एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा 5580 परमाणु हथियार हैं। कहा जाता है कि इसकी क्षमता अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम से चार गुना ज्यादा है। इसके अलावा सेना में 15 लाख सैनिक तैनात हैं। इस तरह से चीन के बाद रूसी सेना दूसरी सबसे बड़ी सेना है। अगर टैंक और आर्टिलरी की बात करें तो रूस की आर्टिलरी की ताकत दुनिया के किसी भी देश से कहीं ज़्यादा है। रूस के पास 12500 टैंक, 30000 बख्तरबंद गाड़ियाँ और 6500 तोपें हैं।

नाटो कितना पावरफुल है ?

हालांकि इतनी क्षमता होने के बावजूद रूस अकेले नाटो से नहीं लड़ सकता क्योंकि नाटो में अमेरिका समेत कुल 31 देश हैं और नाटो के पास कुल 35 लाख सैनिक हैं। इसमें अमेरिका के 13 लाख, तुर्की के 4,81,000 और पोलैंड के 2,16,100 सक्रिय सैनिक शामिल हैं। इसके अलावा अगर सभी नाटो देशों को मिला दिया जाए तो उनके पास 5 हज़ार से ज़्यादा तोपें, 1,600 से ज़्यादा 5वीं पीढ़ी की बख्तरबंद गाड़ियाँ हैं जो रूस के पास नहीं हैं।

दूसरी तरफ़ अगर परमाणु हथियारों की तुलना करें तो नाटो के पास अमेरिका और फ़्रांस समेत 6 हज़ार से ज़्यादा परमाणु हथियार हैं। रूस पिछले तीन सालों से यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है, जिसकी वजह से उसके सैनिक और हथियार दोनों कम हो गए हैं। रूस नाटो के खिलाफ अकेले नहीं जीत सकता, लेकिन इसे हल्के में भी नहीं लिया जा सकता।

कौन से देश रूस का साथ देंगे

अगर नाटो रूस पर हमला करता है, तो सबसे पहले उत्तर कोरिया उसके समर्थन में खड़ा होगा। उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों से लैस देश है और रूस का अच्छा दोस्त भी है। इसके अलावा ईरान किसी भी युद्ध में रूस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा, क्योंकि रूस की तरह ईरान की भी पश्चिमी देशों से दुश्मनी है, खासकर इजरायल से।

बेलारूस ने यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस का साथ दिया है, इसलिए अगर नाटो और रूस के बीच युद्ध होता है, तो बेलारूस हमेशा की तरह रूस के साथ खड़ा रहेगा। इसके अलावा चीन भी रूस का साथ दे सकता है। चीन ने अभी तक रूस का सैन्य रूप से समर्थन नहीं किया है, लेकिन उसने रूस का राजनीतिक और आर्थिक रूप से साथ दिया है। अगर नाटो और रूस के बीच सीधा युद्ध होता है, तो यह विश्व युद्ध में बदल सकता है। पुतिन पहले ही कह चुके हैं कि नाटो के हस्तक्षेप से सभ्यता का विनाश हो सकता है।

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