India News (इंडिया न्यूज), Indus Water Treaty : 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। पीएम मोदी ने भी पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। इसके अलावा भारत की तरफ से पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए सिंधु जल संधि को तत्काल निलंबित कर दिया गया। इसके बाद पूरे पाकिस्तान में हंगामा मच गया। पड़ोसी देश के मंत्री भारत को परमाणु हथियारों की धमकी देने लगे। पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने इस मुद्दे को विश्व बैंक में ले जाने की बात भी कही।
अब विश्व बैंक ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। विश्व बैंक ने अपने बयान में जो कहा है, उससे पाकिस्तान चिढ़ सकता है और आने वाले समय में उसकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक विश्व बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि विश्व बैंक सीमित परिभाषित कार्यों के लिए संधि का हस्ताक्षरकर्ता है और हम संधि के सदस्य देशों द्वारा लिए गए संधि से संबंधित संप्रभु निर्णयों पर अपनी राय व्यक्त नहीं करते हैं।
भारत की पाकिस्तान पर वॉटर स्ट्राइक
भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने के बाद दोनों देशों में कई सवाल उठ रहे हैं। भारत में लोग जानना चाहते हैं कि इस संधि के स्थगित होने से पाकिस्तान को कितना नुकसान होगा। इस बारे में न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने केंद्रीय जल आयोग के पूर्व प्रमुख कुशविंदर वोहरा से बात की। उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि के स्थगित होने के बाद हम पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ जानकारी साझा करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
वोहरा ने आगे कहा कि अभी तक हम सिंधु जल संधि के तहत कुछ चीजों से बंधे हुए थे, लेकिन सबसे पहले हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि इस संधि के तहत कौन-कौन सी नदियां हैं। उन्होंने कहा कि इस संधि के तहत छह नदियां हैं। रावी, ब्यास और सतलुज, इनका सारा पानी भारत के लिए है। इसके अलावा सिंधु, झेलम और चिनाब का ज्यादातर पानी पाकिस्तान के लिए है।
इसका पाकिस्तान पर क्या असर होगा?
कुशविंदर वोहरा ने आगे बताया कि इस संधि पर 1960 में हस्ताक्षर हुए थे। संधि के स्थगित होने के बाद भारत को अब डेटा साझा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भारत-पाक आयोग के बीच कोई बैठक नहीं होगी। इसके अलावा पाकिस्तान से भी लोग यहां आते थे कि यहां कौन सी परियोजनाएं चल रही हैं, अब इसकी भी जरूरत नहीं होगी।
आपको बता दें कि अभी तक भारत को पाकिस्तान के साथ हर परियोजना की जानकारी देनी होती थी, जिसमें पाकिस्तान हमेशा खामियां निकालता था, लेकिन अब वह जानकारी देने की जरूरत नहीं होगी। मानसून के दौरान भारत सिंधु नदी प्रणाली के भीतर बाढ़ की स्थिति के बारे में पाकिस्तान को कोई अपडेट नहीं देगा। मुझे लगता है कि जब तक यह सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी, पाकिस्तान को परेशानी होगी।