India News (इंडिया न्यूज), ISIS True Face: आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का एक गुट बुरे दौर से गुजर रहा है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट इराक, सीरिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में इतने बुरे दौर से गुजर रहा है कि, संगठन को स्थानीय मुस्लिम जनता से भीख मांगकर और उगाही करके अपना खर्च चलाना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि, आतंकवाद के लिए चंदे के जरिए जुटाई गई रकम को संगठन के नेता ज्यादातर अय्याशी और अपने फायदे के लिए निजी कंपनियां खोलने में खर्च कर रहे हैं। इस संगठन ने कुछ पोस्टर भी जारी किए हैं।

ISIS के नए पोस्टर से विवाद

इस्लामिक महीने में ISIS ने अलग-अलग भाषाओं में पोस्टर जारी किए थे, जिसमें उसने अपने सभी समर्थकों से संगठन को चंदा देने को कहा था। यह पोस्टर अल बसैर नाम के एक अज्ञात संगठन ने बनाया था। बाद में फुरसान अल-तरजुमा इस्लामिक स्टेट समूह ने इसका फ्रेंच, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया। संगठन ने इन पोस्टरों का इस्तेमाल आधिकारिक और अनौपचारिक दोनों तरह के प्रचार में किया। जानकारी के अनुसार, पोस्टरों में इस बात पर जोर दिया गया था कि ISIS का समर्थन करना सभी मुसलमानों के लिए अनिवार्य है। 

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ज्यादा से ज्यादा पैसा इकट्ठा करने की कोशिश

माना जा रहा है कि, इन पोस्टरों के जरिए ज्यादा से ज्यादा पैसे इकट्ठा करने की कोशिश की गई। इन पोस्टरों पर चंदा इकट्ठा करने वालों के लिए चेतावनी लिखी गई थी। कहा गया था कि चंदा इकट्ठा करने और मनमाने तरीके से बांटने वालों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। आईएसआईएस ने कहा कि उन्हें खबर मिली है कि उनके साइबर सुरक्षा के लिए नियुक्त ‘अफाक’ नामक संगठन ने अपनी निजी जरूरतों के लिए धन जुटाया। फिर इस पैसे से एक निजी कंपनी खोली गई। संगठन के कुछ नेता इसमें शेयरधारक भी बताए जा रहे हैं। 

अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और सीरिया के इलाकों में संगठन की हालत इतनी खराब बताई जा रही है कि अब उन्हें स्थानीय मुस्लिम लोगों से भीख मांगकर और जबरन पैसे वसूलकर संगठन का खर्च चलाना पड़ रहा है।

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