India News(इंडिया न्यूज),World Soil Day 2023: आज यानी 5 दिसंबर के दिन पूरी दुनिया विश्व मृदा दिवस के तौर पर मनाती है। जिसका लक्ष्य खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा ‘विश्व मृदा दिवस’ बढती जनसंख्या की वजह से मिट्टी के कटाव को कम करने की दिशा में काम करने, लोगों को उपजाऊ मिट्टी के बारे में जागरूक करने तथा संसाधन के रूप में मिट्टी के स्थायी प्रबंधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करना है। उदाहरण के तौर पर देखें तो जिस तरह पानी के बिना जीवन की कल्पना मुमकिन नहीं ठीक उसी तरह मिट्टी का भी महत्व है। भारत का तो आधी आबादी ही कृषि पर निर्भर है।
5 दिसंबर को ही क्यों मनाते है?
एक बड़ा सवाल मन में ये आ रहा होगा कि, आज यानी 5 दिसंबर के दिन ही क्यों मनाया जाता है विश्व मृदा दिवस। तो आपके इस सवाल का जवाब है मेरे पास। जानकारी के लिए बता दें कि, थाईलैंड के महाराजा स्व. एच.एम भूमिबोल अदुल्यादेज ने अपने कार्यकाल में उपजाऊ मिट्टी के बचाव के लिए काफी काम किया था। उनके इसी योगदान को देखते हुए हर साल उनके जन्म दिवस के अवसर पर यानी 5 दिसंबर को विश्व मिट्टी दिवस के रूप में समर्पित करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया।
जानें क्या है इतिहास
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, वर्ष 2002 में अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ द्वारा विश्व मृदा दिवस मनाने की सिफारिश की गई थी। जिसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा एफएओ (FAO) सम्मेलन ने सर्वसम्मति से 20 दिसंबर 2013 में 68वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुई।
अब जानिए क्या है महत्व
चलिए अब आपको इस दिवस के महत्व के बारे में बतातें है। तो ये बात सब जानते है कि, मिट्टी हमारे जीवन के लिए कितना उपयोगी है। क्योंकि यह भोजन, कपड़े, आश्रय और दवा समेत जीवन के चार प्रमुख साधनों का स्रोत यही है। इसलिए इसके संरक्षण पर ध्यान देना जरूरी है। तो इसी सोंच में लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन को धूम-धाम से मनाया जाता है।
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