India News (इंडिया न्यूज), Sub Inspector Paper Leak Case: राजस्थान में पुलिस विभाग में भर्ती घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक के बाद एक प्रशिक्षु सब-इंस्पेक्टरों (एसआई) को बर्खास्त किया जा रहा है। सोमवार को जोधपुर पुलिस रेंज में तैनात 9 और प्रशिक्षु एसआई को नौकरी से हटा दिया गया। अब तक कुल 45 एसआई को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। यह कार्रवाई 2021 की एसआई भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले की जांच के बाद की जा रही है। इस घोटाले से जुड़ी गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
पेपर लीक मामले में फंसे थे अफसर
2021 में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा एसआई और प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। दिसंबर 2021 में हुई लिखित परीक्षा में लगभग सात लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। लेकिन बाद में परीक्षा में धांधली और पेपर लीक का मामला सामने आया। जांच के दौरान पाया गया कि कई उम्मीदवार इस पेपर लीक नेटवर्क से जुड़े हुए थे और उन्होंने अवैध तरीके से परीक्षा पास की थी।
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मामले की जांच क्यों हुई तेज?
भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया। इसके बाद मामले की जांच तेज हुई और अब तक 46 प्रशिक्षु एसआई को गिरफ्तार किया जा चुका है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी 21 फरवरी को सरकार को निर्देश दिए थे कि वह जांच में तेजी लाए और दो महीने के भीतर आवश्यक कार्रवाई करे। इसके बाद से ही बर्खास्तगी का सिलसिला शुरू हुआ।
किन-किन अफसरों पर हुई कार्रवाई?
बर्खास्त किए गए 9 प्रशिक्षु एसआई में जोधपुर ग्रामीण के गोपीराम जांगू, बाड़मेर की चंचल, जालौर के अजय बिश्नोई और दिनेश, सिरोही के नरेश कुमार, प्रियंका और दिनेश कुमार, जैसलमेर के हरखू और सुरेंद्र कुमार का नाम शामिल है। इससे पहले भी 36 अन्य प्रशिक्षु एसआई को सेवा से हटाया जा चुका है।
क्यों हो रही इतनी सख्त कार्रवाई?
राज्य सरकार पर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने का दबाव बढ़ता जा रहा है। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा था कि कांग्रेस सरकार के दौरान हुई इस भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। अब भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे सभी अधिकारियों को बर्खास्त कर रही है, जिन पर धांधली के आरोप साबित हो चुके हैं। राजस्थान हाईकोर्ट इस मामले की लगातार निगरानी कर रहा है और अगली सुनवाई 2 मई को होने वाली है। माना जा रहा है कि तब तक और भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
आगे क्या होगा?
सरकार की इस कार्रवाई से न केवल पुलिस विभाग में बल्कि अन्य सरकारी भर्तियों में भी हड़कंप मच गया है। यह साफ संकेत है कि अगर कोई अवैध तरीके से सरकारी नौकरी हासिल करेगा, तो उसकी जगह सलाखों के पीछे होगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस घोटाले में और नाम सामने आते हैं और क्या सरकार इस भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से रद्द करके दोबारा परीक्षा आयोजित करती है या नहीं।