India News (इंडिया न्यूज), Muslims Abstain From Eating Meat on Any Day: भारतीय समाज में खान-पान की आदतें धर्म और संस्कृति से काफी प्रभावित होती हैं। हिंदू धर्म में मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को मांसाहारी भोजन न करने की परंपरा है। इसी तरह मुस्लिम धर्म में भी खाने के कुछ खास नियम हैं। तो यहां जान लें मुस्लिम समाज में खान-पान की क्या आदतें हैं और क्या ये लोग भी खाने से परहेज करते हैं।

हिंदू धर्म में मांसाहार को लेकर क्या नियम है?

आपको बता दें कि हिंदू धर्म में मांसाहार को लेकर एकरूपता नहीं है। कुछ हिंदू समुदाय पूरी तरह से शाकाहारी हैं, जबकि कुछ अन्य समुदाय मांसाहारी भोजन भी खाते हैं। हालांकि, कई हिंदू मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को मांसाहारी भोजन से परहेज करते हैं। इस परंपरा के पीछे कई कारण हैं। दरअसल, कुछ लोगों का मानना ​​है कि इन दिनों मंगल, बृहस्पति और शनि ग्रहों का प्रभाव अधिक होता है और मांसाहारी भोजन खाने से इन ग्रहों का प्रकोप बढ़ सकता है।

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वहीं, कई हिंदू धार्मिक ग्रंथों में मांसाहारी भोजन को हिंसा से जोड़ा गया है। इसके अलावा, कुछ लोगों का मानना ​​है कि मांसाहारी भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और इन दिनों मांसाहारी भोजन से परहेज करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

मुस्लिम धर्म में मांसाहार को लेकर नियम?

जानकारी के अनुसार, मुस्लिम धर्म में मांसाहार को लेकर कुछ खास नियम हैं। मुसलमानों को केवल हलाल जानवरों का मांस खाना चाहिए। हलाल मांस वो होता है, जिसे इस्लामी तरीके से काटा गया हो। वहीं मुस्लिम धर्म में सूअर का मांस खाना वर्जित है। इसके अलावा मुसलमानों को मरे हुए जानवरों का खून और शराब पीने से भी मना किया जाता है।

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बता दें कि मुस्लिम धर्म में रमजान के महीने में रोजा रखा जाता है। रोजे के दौरान सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाया-पीया नहीं जाता है। रोजे के दौरान मांसाहार से भी दूर रहना जरूरी है। इसके अलावा मुस्लिम धर्म में दिनों के हिसाब से मांसाहार को लेकर कोई खास नियम नहीं हैं।