इंडिया न्यूज, Online Earning Precautions:
आज के समय में ऐसे बहुत से लोग हैं जो की बड़ी आसानी से अपना कुछ समय देकर ऑनलाइन पैसे कमा रहे हैं वो भी बिना किसी निवेश के। कुछ ऐप्स और वेबसाइट्स पर कुछ देर काम करने पर आमदनी होती है या फिर कॉइन बनते हैं, जिसका इस्तेमाल अन्य खरीदारी के लिए होता है। परंतु इनमें सही कौन-सी हैं और हमें क्या सावधानी बरतनी है, इसकी जानकारी भी होनी चाहिए। तो चलिए काम की बात में जानेंगे पैसे कमाने वाले ऐप्स या वेबसाइट्स कितने सुरक्षित हैं।

कितने सुरक्षित हैं ये ऐप्स और वेबसाइट्स

सर्वे रिवॉर्ड: इसमें किसी वीडियो या वस्तु से जुड़े सवाल पूछे जा सकते हैं। लोकेशन आॅन होने के कारण उन्हें यह पता होता है कि आप कब और कहां गए थे, जिसके संबंध में सवाल हो सकते हैं। सर्वे पूरा करने पर कुछ रुपये मिलते हैं जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन खरीदारी में कर सकते हैं।

निवेश के लिए ऐप: कुछ ऐप्स पैसे लगाकर दोगुना करने का दावा करते हैं। इनमें छोटी से लेकर बड़ी रकम तक निवेश कर सकते हैं। शुरूआत में 10 रुपये लगाने पर जब ग्राफ बढ़ता है तो लालच बढ़ता जाता है। फिर व्यक्ति बड़ी रकम लगाने लगता है और जैसे ही धनराशि बढ़ती है ग्राफ नीचे आ जाता है और सारा रुपया डूब जाता है।

पेमेंट ऐप्स: जैसा कि आप जानते हैं पेमेंट ऐप्स के बारे में। इस ऐप में कैशबैक की सुविधा होती है। किसी भी सामान का भुगतान जब आप इन ऐप्स के जरिए करते हैं तो कुछ रुपयों का कैशबैक मिल जाता है या फिर डिस्काउंट कूपन मिलते हैं। इनमें कुछ ऐप्स विश्वसनीय होते हैं, तो कुछ नए और अनजान भी हो सकते हैं। जिनसे आपको बचने की जरूरत है।

कॉल और लिंक्स: इस ऐप्स में अक्सर लोगों के पास कई बार फर्जी कॉल्स आ जाते हैं या आ सकते हैं। इसमें ठग किसी प्रसिद्ध और विश्वसनीय यूपीआई कंपनी के नाम का सहारा लेकर कैश प्राइज जीतने का दावा करेगा। वो आपको आपके नाम से बुलाएगा। मैसेज पर लिंक भेजकर उस पर क्लिक करने के लिए कहेगा। यह लिंक वायरस हो सकता है जिस पर क्लिक करते आपका डेटा चोरी हो सकता है या खाते में जमा पैसा निकाला जा सकता है। इसी तरह मैसेंजर पर परिचित द्वारा लिंक भेजा जा सकता है जिस पर क्लिक करने या पांच-दस दोस्तों को भेजने पर रिवॉर्ड मिलने जैसे दावे होते हैं। यह भी डेटा चोरी का तरीका है।

फ्रीलांसिंग के ऐप: ये ऐप्स फ्रीलांसिंग का काम देते हैं, जैसे कि टाइपिंग, डेटा एंट्री, वीडियो या एड देखने पर पैसे मिलना आदि। फोनकॉल के जरिए भी प्रस्ताव मिल सकता है। शुरूआत में छोटे-छोटे काम सौंपते हैं और पैसे भी देते हैं। कुछ समय के बाद बड़ा काम देने लगते हैं और कुछ दिनों के बाद संपर्क ही खत्म कर देते हैं।

स्पोर्ट्स व गेमिंग ऐप: इन ऐप्सों में रुपया लगाकर गेम खेला जाता है। जीतने पर रिवॉर्ड मिलते हैं इसलिए लत लगने के कारण लोग इसमें पैसा लगाते जाते हैं और खेलते जाते हैं। इनमें इंटरनेट बैंकिंग और यूपीआई के जरिए पैसों का भुगतान होता है। आपका बैंक खाता ऐप से लिंक होता है इसलिए ठगी करना उनके लिए आसान होता है। लिहाजा रिवॉर्ड नहीं मिलता लेकिन आपकी निजी जानकारी उनके पास होती है और बैंक खाता खाली होने की आशंका होती है। बता दें आमतौर पर ये ऐप्स प्ले स्टोर में नहीं होते, उन्हें लिंक के जरिए डाउनलोड करना होता है।

इन बातों का रखें ध्यान?

  • अपने फोन में कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले जांच लें कि वह प्ले स्टोर पर वेरीफाइड है या नहीं। किसी नई और अनजान वेबसाइट या ऐप पर लॉगइन न करें। क्योंकि लॉगइन के साथ ही आप अपना डेटा उससे साझा कर रहे होते हैं। ऑनलाइन लेन-देन के लिए अलग खाता रखें जिसमें 50 हजार से कम रकम मौजूद हो। साथ ही जरूरत न होने पर मोबाइल लोकेशन बंद करके रखें।
  • कोई भी ऐप्स डाउनलोड करने से पहले उसका रिव्यू जरूर पढ़ें। हालांकि सोशल मीडिया पर कई रिव्यू के वीडियो ऐसे मौजूद हैं जो इनकी तारीफ करेंगे और कहेंगे कि उन्होंने एक माह के अंदर घर और कार खरीद ली है आदि। उन्हें इसके लिए पैसे मिलते हैं। कुछ रिव्यूअर सिर्फ उन ऐप या वेबसाइट के बारे में बताते हैं, वे सही हैं या फर्जी, इसकी जांच नहीं करते। बेहतर होगा कि उन यूजर्स के रिव्यू पढ़ें जिन्होंने उसे चार से कम रेटिंग दी हैं।
  • ऐसी किसी ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल न करें जो जल्दी पैसे कमाने का भरोसा दिलाती है। विशेषज्ञों मुताबिक अधिकतर ये नकली होती हैं जिसमें व्यक्ति सिर्फ निवेश करता जाता है पर हासिल कुछ नहीं होता। अधिकांश उपभोक्ता ऐप इंस्टॉल करने से पहले नियम और शर्तों को कभी नहीं पढ़ते। फर्जी ऐप या वेबसाइट से मैलवेयर (ऐसा सॉफ्टवेयर जो संवेदनशील जानकारी चुरा सकता है) कम्प्यूटर या मोबाइल तक तेजी से पहुंच सकता है।

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