India News (इंडिया न्यूज), Railway Track: अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। आज भी भारत में लोग, विशेषकर लंबे सफर के लिए, ट्रेन से यात्रा करना अधिक पसंद करते हैं क्योंकि यह किफायती और आरामदायक माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेलवे ट्रैक पर बिछे हुए पत्थरों का क्या महत्व है? आज हम आपको बताएंगे कि रेलवे ट्रैक पर पत्थर क्यों होते हैं।

क्यों बिछाए जाते हैं पत्थर

ट्रेन में यात्रा के दौरान आपने ध्यान दिया होगा कि रेलवे ट्रैक पर बहुत सारे पत्थर बिछे होते हैं। इन पत्थरों के नीचे बड़े पत्थर भी बिछे होते हैं। यदि आप इन पत्थरों के पीछे के विज्ञान को समझना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले पटरी की बनावट को समझना होगा। ट्रैक को तैयार करते समय इसके नीचे लंबी-लंबी प्लेट्स बिछाई जाती हैं, जिन्हें स्‍लीपर कहा जाता है। इनके नीचे छोटे-छोटे पत्‍थर होते हैं, जिन्हें ब्लास्टर या गिट्टी कहा जाता है। ब्लास्टर के नीचे मिट्टी की दो लेयर होती हैं। इसी कारण ट्रैक जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर होता है और ट्रेन के वजन को संभाल पाता है।

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पत्थरों के पीछे का विज्ञान

जब ट्रेन पटरी पर चलती है तो एक प्रकार की कम्पन पैदा होती है। नुकीले पत्थर उस कम्पन को रोकने का काम करते हैं। अगर पत्थर गोल होते तो ये कम्पन नहीं रोक पाते और पटरी फैल जाती। इसलिए ट्रैक पर नुकीले पत्थर बिछाए जाते हैं।

बारिश में ट्रैकों की सुरक्षा

इन पत्थरों का एक और फ़ायदा है। पटरियों पर पड़ने वाले ये पत्थर पोधों को उगने नहीं देते, जिससे ट्रेन प्रतिबंधित नहीं होती। बारिश के मौसम में भी ये पत्थर ट्रैक को ऊंचा रखते हैं, जिससे ट्रैक डूबता नहीं और ट्रेन आसानी से चलती रहती है।

रेलवे ट्रैक पर बिछे पत्थरों का मकसद सिर्फ सजावट नहीं बल्कि ट्रेन की सुरक्षा और उसकी स्थिरता को बनाए रखना है। यह विज्ञान आधारित निर्माण प्रणाली ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

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