India News(इंडिया न्यूज), Chhaava movie Box office Collection: रश्मिका मंदाना, विक्की कौशल और अक्षय खन्ना की फिल्म ‘छावा’ ने बॉक्स ऑफिस पर गर्दा उड़ाया हुआ है। फिल्म ने उम्मीद से परे जाकर 11 दिनों में 350 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। छावा फिल्म का निर्देशन लक्ष्मण उटेकर ने किया है। ये फिल्म अच्छा कारोबार कर रही है। हालांकि, अब इस फिल्म को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, मराठा योद्धा गणोजी और कान्होजी शिर्के के वंशजों ने फिल्म पर आपत्ति जताई है। उन्होंने दावा किया है कि फिल्म में उनके पूर्वजों को अनुचित और भ्रामक तरीके से दिखाया गया है। उन्होंने 100 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे की धमकी दे दी है।
कहानी को लेकर छिड़ा विवाद
इसके जवाब में ‘छावा’ के निर्देशक लक्ष्मण उटेकर ने उनसे सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी है। ‘छावा’ में कहानी का एक अहम मोड़ यह आता है कि छत्रपति संभाजी महाराज के भरोसेमंद साथी – गणोजी और कान्होजी, मुगल बादशाह औरंगजेब के साथ मिलकर उन्हें धोखा देते हैं। इससे मराठा शासक संभाजी महाराज की मृत्यु हो जाती है। गनोजी और कान्होजी योद्धाओं के वंशजों को ‘छावा’ पसंद नहीं आया, उनका मानना है कि यह उनके इतिहास को गलत तरीके से पेश करता है और इसे कलंकित करता है। फिल्म की रिलीज के बाद, गनोजी और कान्होजी शिर्के के 13वें वंशज लक्ष्मीकांत राजे शिर्के ने फिल्म निर्माताओं की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश करता है।
100 करोड़ रुपये का किया मुकदमा दर्ज
लक्ष्मीकांत राजे शिर्के ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि फिल्म के चित्रण ने उनके परिवार की विरासत को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने इस बात कि, भी घोषणा की कि उन्होंने छावा फिल्म के निर्देशक को कानूनी नोटिस भेज दिया है और वो उनके खिलाफ 100 करोड़ का मानहानि मुकदमा भी दायर करने वाले हैं। 20 फरवरी के दिन शिर्के परिवार ने औपचारिक तरह से लक्ष्मण उटेकर को एक नोटिस भेजा, जिसमें फिल्म में उनके पूर्वजों के चित्रण के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया। उन्होंने उनसे आवश्यक सुधार करने का भी आग्रह किया है।
लक्ष्मण उटेकर ने शिर्के परिवार से मांगी माफी
रिपोर्ट के अनुसार, लक्ष्मण उटेकर ने व्यक्तिगत रूप से भूषण शिर्के से संपर्क किया और परिवार को अनजाने में हुई किसी भी ठेस के लिए माफ़ी मांगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फ़िल्म में गनोजी और कान्होजी के अंतिम नाम या गाँव के नाम का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “हमने ‘छावा’ में केवल गनोजी और कान्होजी के नाम लिखे हैं, उनके उपनाम नहीं। हमने यह भी नहीं बताया कि वे गाँव से हैं। हमारा इरादा शिर्के परिवार की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था। अगर छावा ने किसी को असहज किया है, तो मैं ईमानदारी से माफ़ी माँगता हूँ।”