India News(इंडिया न्यूज), Mahakumbh 2025: प्रयागराज में इस समय महाकुंभ मेले की धूम मची हुई है। करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। इस पावन अवसर पर लोग गंगाजल, संगम की रेत और अन्य धार्मिक वस्तुएं अपने घर ले जाने की परंपरा निभा रहे हैं। लेकिन इस बार एक महिला ने कुछ ऐसा किया कि लोग दंग रह गए। यह महिला गंगाजल या धार्मिक प्रसाद की जगह कुछ और लेकर अपने घर लौटी—और वह था बथुआ! इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
मेला परिसर से बथुआ तोड़ती दिखीं महिला
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला मेला परिसर के पास बथुआ तोड़ रही है। जब उसकी बेटी ने पूछा कि वह क्या कर रही है, तो महिला ने खुशी-खुशी जवाब दिया कि यह बथुआ है और वह इसे घर लेकर जाएगी। महिला ने बताया कि यह ताजा और हरा-भरा बथुआ है, जिसे वह अपने घर में पकाएगी। जबकि मेले में मौजूद बाकी लोग इसे घास-फूस समझकर अनदेखा कर रहे थे, इस महिला ने अपनी पारखी नजर से पहचान लिया कि यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जी है।
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वीडियो हुआ वायरल
यह वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग महिला के इस अनोखे अंदाज पर तरह-तरह की मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि भारतीय माताएं हर जगह अपने काम की चीजें खोज ही लेती हैं। एक यूजर ने कमेंट किया, “ये सिर्फ एक मां की नजर ही पहचान सकती है कि कहां क्या मिलेगा!” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “महाकुंभ से लोग गंगाजल लेकर जाते हैं, लेकिन ये महिला बथुआ ले गई—इसमें भी एक अनोखी बात है।”
महाकुंभ से यादगार के रूप में लोग क्या-क्या ले जाते हैं?
महाकुंभ मेला कई धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं से जुड़ा हुआ है। इस पावन मेले से लोग अपने घरों के लिए कुछ खास चीजें लेकर जाते हैं, जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है—
- गंगाजल – श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल को बोतलों में भरकर घर ले जाते हैं। इसे शुभ और शुद्धिकरण के लिए उपयोग किया जाता है।
- संगम की मिट्टी – संगम तट की रेत को भी लोग अपने घर ले जाते हैं, क्योंकि माना जाता है कि यह घर में सकारात्मकता लाती है।
- रुद्राक्ष की माला – भगवान शिव का प्रतीक माने जाने वाले रुद्राक्ष को श्रद्धालु आस्था और पूजा के लिए खरीदते हैं।
- शिवलिंग – कई भक्त महाकुंभ से छोटे या बड़े शिवलिंग घर लेकर जाते हैं और उसकी विधिवत स्थापना करते हैं।
- धार्मिक पुस्तकें – इस मेले में पूजा-पाठ से जुड़ी किताबें जैसे रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता आदि खूब बिकती हैं।
पौष्टिकता से भरपूर एक अनमोल हरी सब्जी
भले ही इस महिला ने मजेदार तरीके से बथुआ चुना हो, लेकिन इसकी पौष्टिकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उत्तर भारत में बथुआ की खूब खपत होती है और इसे कई तरह से खाया जाता है, साग, रायता, पराठा और पूरी के रूप में।
बथुआ के सेहत से जुड़े कुछ खास फायदे
- पाचन में सुधार: बथुआ फाइबर से भरपूर होता है, जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है।
- खून साफ: बथुआ खाने से रक्त शुद्ध होता है और त्वचा में निखार आता है।
- आंखों के लिए फायदेमंद: इसमें मौजूद जिंक और आयरन आंखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
- वजन घटाने में मददगार: यह लो-कैलोरी फूड है, जिससे वजन घटाने वालों की डाइट में इसे खास जगह दी जाती है।
- बालों को स्वस्थ: इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल बालों की जड़ों को पोषण देते हैं, जिससे वे मजबूत और घने होते हैं।