India News (इंडिया न्यूज),Tattoo:टैटू केवल शौक के रूप में नहीं बनवाए जाते, बल्कि कुछ लोग इसे श्रद्धा के कारण बनवाते हैं, वहीं कई लोग अपने पार्टनर का नाम या कोई खास चिन्ह टैटू के रूप में गुदवाते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया से जुड़े कुछ मिथक हैं जिन पर लोग जल्द विश्वास कर लेते हैं और इससे डरने लगते हैं।यंगस्टर्स के बीच टैटू बनवाना एक बड़ा ट्रेंड बन चुका है, और कई लोग तो इतने दीवाने होते हैं कि अपनी पूरी बॉडी पर टैटू गुदवा लेते हैं। जहां कुछ लोग शौकिया तौर पर पार्टनर का नाम, फूल-पत्तियां आदि टैटू करवाते हैं, वहीं कुछ लोग अपनी बॉडी पर किसी खास चिन्ह का टैटू बनवाते हैं, जिसका ऐतिहासिक महत्व हो या कोई संदेश देना हो। हालांकि, कई लोग टैटू बनवाने के नाम से डर जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह बहुत दर्दनाक होता है। इस तरह टैटू से जुड़े और भी कई मिथक हैं। टैटू बनवाना एक पर्सनल चॉइस है, लेकिन कभी-कभी लोग इन मिथकों के कारण अपनी इच्छाओं के बावजूद टैटू नहीं बनवाते।
अगर आप भी उन्हीं मेंसे हैं जो अपना पसंदीदा टैटू बनवाना चाहते हैं या पार्टनर का नाम गुदवाना चाहते हैं, लेकिन कुछ भ्रमों के चलते इससे बच रहे हैं, तो जानिए कि इसके पीछे के मिथ क्या हैं और असलियत क्या है।
टैटू बनवाने से होता है बहुत ज्यादा दर्द?
यह सच है कि टैटू बनवाने के दौरान थोड़ा दर्द होता है, लेकिन अगर किसी और को ज्यादा दर्द हुआ है, तो यह जरूरी नहीं कि आपको भी उतना ही महसूस हो। दरअसल, यह हर व्यक्ति की सहनशीलता और शरीर पर निर्भर करता है कि टैटू बनवाते समय उसे कितना दर्द होता है।
क्या कलरफुल टैटू बनवाने पर ज्यादा दर्द होता है?
ये बहुत सारे लोगों को ये मिथ होता है, कि कलरफुल टैटू बनवाने से ज्यादा दर्द होता है. दरअसल यह रंग की बात नहीं होती है, बल्कि जब आप कलर वाला टैटू बनवाते हैं तो उसमें फिलिंग की जाती है और पहले आउटलाइन। इस दौरान जब टैटू की आउटलाइन बनवाई जाती है तब तक स्किन काफी सेंसेटिव हो जाती है और जब उसमें फिलिंग की जाती है तो लगता है कि ज्यादा दर्द हो रहा है। यही वजह है कि लोगों को भ्रम होता है कि कलरफुल टैटू की वजह से दर्द हो रहा है।
क्या टैटू से गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं?
टैटू से बहुत सारी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. दरअसल टैटू बनवाने की वजह से आपको कोई बीमारी नहीं होती है, बल्कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि जिस सुई से टैटू करवा रहे हैं उसे डिसइंफेक्टेड किया गया है या फिर नहीं, इसलिए जब टैटू बनवाने जाएं तो या नई सुई का इस्तेमाल करवाएं या फिर सूई को अपने सामने डिसइंफेक्टेड करवाएं।
टैटू करवाने के बाद ब्लड डोनेट नहीं किया जा सकता?
बहुत सारे लोगों को ये भी लगता है कि टैटू करवाने के बाद वो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। बस ब्लड डोनेट करने से पहले आपका टेस्ट किया जाता है और टैटू करवाने के कुछ समय बाद तक ब्लड डोनेट करने से मना किया जाता है, क्योंकि ये बॉडी के हीलिंग प्रोसेस के लिए जरूरी होता है।
क्या ज्यादा क्रीम लगाने से टैटू जल्दी ठीक होता है?
टैटू बनने के बाद त्वचा को मॉइस्चराइज करना जरूरी होता है, और टैटू के ठीक होने के लिए उस पर ऑइंटमेंट भी लगाया जाता है। हालांकि, कई लोग यह सोचकर मॉइस्चराइजर या ऑइंटमेंट की अधिक मात्रा लगाते हैं कि इससे टैटू जल्दी ठीक होगा, लेकिन यह सही नहीं होता। इससे त्वचा की ठीक होने की प्रक्रिया और जटिल हो सकती है। त्वचा को सीमित मात्रा में मॉइस्चराइज करें और टैटू आर्टिस्ट के निर्देशों के अनुसार ही ऑइंटमेंट का उपयोग करें।
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