India News (इंडिया न्यूज), Naked Christmas Is Celebrated In Sweden & Norway: दुनिया में हर देश की अपनी-अपनी परंपराएं और संस्कृति होती हैं। इनमें से कई परंपराएं इतनी अनोखी होती हैं कि वे पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन जाती हैं। ऐसी ही एक परंपरा यूरोप के स्कैंडेनेवियन देशों में देखने को मिलती है, जहां लोग क्रिसमस के मौके पर नग्न होकर पार्टी मनाते हैं। आइए, इस अनोखी परंपरा और इसके पीछे की संस्कृति को विस्तार से समझें।
कौन सा देश है खास?
यह अनोखी परंपरा मुख्य रूप से स्वीडन और नॉर्वे जैसे स्कैंडिनेवियन देशों में प्रचलित है। इन देशों में सर्दियों के मौसम में अत्यधिक ठंड होती है, और यहां की संस्कृति में सॉना (गर्म कमरे) का एक विशेष स्थान है। लोग सॉना में नग्न होकर बैठते हैं और उसके बाद बर्फ में दौड़ते हैं या ठंडे पानी में डुबकी लगाते हैं। यह परंपरा स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है और इसी के विस्तार के रूप में यह क्रिसमस की पार्टियों में शामिल हो गई।
इस परंपरा के पीछे की मान्यता
- प्राकृतिक जीवन का सम्मान: स्कैंडिनेवियन संस्कृति प्रकृति और शरीर को किसी प्रकार की शर्मिंदगी से अलग मानती है। उनका मानना है कि शरीर को प्राकृतिक रूप में स्वीकार करना एक स्वस्थ मानसिकता का हिस्सा है।
- सामाजिक समरसता: नग्न होकर क्रिसमस मनाने से सामाजिक भेदभाव कम होता है। यह परंपरा बताती है कि सभी लोग समान हैं और किसी की आर्थिक या सामाजिक स्थिति का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: सॉना और ठंडे पानी की यह परंपरा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और मानसिक तनाव को दूर करती है। क्रिसमस जैसे त्यौहार पर इस परंपरा को अपनाना खुशी और उत्साह को दोगुना कर देता है।
कैसे मनाते हैं यह त्यौहार?
- सॉना से शुरुआत: क्रिसमस पार्टी का आयोजन सॉना में होता है, जहां सभी लोग नग्न होकर गर्मी का आनंद लेते हैं।
- ठंडे पानी में डुबकी: इसके बाद बर्फीले पानी में डुबकी लगाई जाती है या बाहर बर्फ में खेला जाता है।
- पारंपरिक व्यंजन: इस दौरान पारंपरिक स्कैंडिनेवियन भोजन, जैसे ग्लॉग (गर्म शराब), स्मोर्गास्बॉर्ड (भोजन की प्लेट), और जिंजरब्रेड कुकीज का आनंद लिया जाता है।
- गीत और नृत्य: क्रिसमस कैरोल और लोक नृत्य इस उत्सव का मुख्य आकर्षण होते हैं।
अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं
यह परंपरा दुनियाभर के लोगों के लिए उत्सुकता का विषय बनी हुई है। कई लोग इसे “स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति” मानते हैं, जबकि कुछ लोग इसे अजीब और अप्रत्याशित मानते हैं। हालांकि, जो लोग स्कैंडिनेवियन संस्कृति को समझते हैं, वे इसे उनकी परंपरा और मानसिकता का हिस्सा मानते हैं।
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क्या है सीखने लायक?
यह परंपरा हमें सिखाती है कि किसी भी संस्कृति को बिना आलोचना के समझने की कोशिश करनी चाहिए। हर परंपरा के पीछे कोई न कोई उद्देश्य और मान्यता होती है। स्कैंडिनेवियन देशों की यह परंपरा प्राकृतिक जीवन के प्रति प्रेम और सामाजिक समरसता का बेहतरीन उदाहरण है।
नग्न होकर क्रिसमस मनाने की यह परंपरा भले ही बाकी दुनिया के लिए असामान्य हो, लेकिन स्कैंडिनेवियन देशों के लिए यह उनका सांस्कृतिक गर्व है। यह न केवल स्वास्थ्य और खुशी का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और समानता का भी संदेश देता है
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