पटियाला के “लीला-भवन” का रहस्य
महाराजा भूपिंदर सिंह की शाही जीवनशैली की सबसे चर्चित चीज थी उनका “लीला-भवन”। पटियाला के इस भव्य महल में एक अजीब और दिलचस्प प्रथा थी। यहाँ पर, लोग बिना कपड़ों के आकर शाही आनंद का हिस्सा बन सकते थे। लीला-भवन में आयोजित की जाने वाली पार्टियाँ और समागमों में बहुत ही बेबाकी से जीवन की हर एक रंगीन अदा को अपनाया जाता था। यहाँ पर महाराजा और उनके प्रेमिकाओं के बीच प्रेम प्रदर्शन खुलेआम होते थे। यह एक प्रकार से उनके जीवन का “खुला तमाशा” था, जहाँ शाही ठाठ और ऐश्वर्य के बीच मस्ती और मजे का भी हिस्सा था।
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यहां तक कि महाराजा भूपिंदर सिंह के लिए “स्विमिंग पुल” का निर्माण भी किया गया था, जहाँ महलों की पार्टियों में खुलेआम शराब पीने और मौज-मस्ती करने का सिलसिला चलता था। महाराजा के महल का यह ‘खुला’ जीवनशैली उनके विलासिता और अपार सम्पत्ति के प्रतीक के रूप में उभरा।
एक शाही जीवनशैली: 10 शादियाँ और 365 रानियाँ
महाराजा भूपिंदर सिंह का व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही शानदार और दिलचस्प था जितना उनका शाही जीवन। उन्होंने 10 शादियाँ की थीं और उनकी रानियों की संख्या 365 तक पहुंची थी। यकीनन यह संख्या किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए कल्पना से बाहर होगी, लेकिन महाराजा के लिए यह उनकी शक्ति, ऐश्वर्य और शाही जीवन के प्रतीक थे।
उनकी 365 रानियाँ और ढेर सारी प्रेमिकाएँ उनके जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से थीं। उनके प्रेम-प्रसंगों और शाही ठाठ-बाट ने उन्हें एक प्रसिद्ध और अति विलासी शासक बना दिया था। इन शादियों और रानियों की संख्या से यह स्पष्ट होता है कि उनका जीवन सच्चे अर्थों में महलों, रंगीन पार्टियों और बेहतरीन मनोरंजन से भरा हुआ था।
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शाही ऐश्वर्य: 44 रॉल्स रॉयस कारें और एक प्लेन
महाराजा भूपिंदर सिंह की संपत्ति भी न केवल अपार थी, बल्कि वह समय के सबसे ऐश्वर्यशाली राजाओं में से एक माने जाते थे। उनके पास 44 रॉल्स रॉयस कारें थीं, जो उस समय का सबसे बड़ा शाही ऐश्वर्य प्रतीक था। साथ ही, उनके पास खुद का एक प्लेन भी था, जो बताता है कि वह कितने बड़े साम्राज्य के मालिक थे। उनका यह ऐश्वर्य और विलासिता उनके शाही दरबार की भव्यता का हिस्सा था।
शराब और पटियाला पैग की कहानी
शराब के शौकीनों के बीच “पटियाला पैग” एक प्रसिद्ध नाम बन चुका था, और इसका श्रेय भी महाराजा भूपिंदर सिंह को जाता है। इस खास पैग की शाही शराब की एक विशेषता थी, जो इसे औरों से अलग बनाती थी। महाराजा के समय में शराब का यह पैग उनकी शाही पार्टियों का अहम हिस्सा था, और इसकी शाही परंपरा आज भी कई जगहों पर जीवित है।
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महाराजा भूपिंदर सिंह की विरासत
महाराजा भूपिंदर सिंह की शाही जीवनशैली और विलासिता के किस्से आज भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनके बारे में दीवान जरमनी दास की किताब ‘महाराजा’ में दी गई जानकारी यह साबित करती है कि वह न केवल अपने समय के सबसे संपन्न शासकों में से एक थे, बल्कि उनकी जीवनशैली भी ऐश्वर्य, बेशुमार संपत्ति और रंगीन मिजाज के लिए मशहूर थी।
हालांकि उनकी शाही आदतें और जीवनशैली आजकल के आधुनिक समाज में कुछ असामान्य लग सकती हैं, लेकिन उस दौर में वह एक आदर्श के रूप में जिए और शाही ठाठ-बाट में अपने शासन का लुत्फ उठाया। उनकी विलासिता और शाही जीवनशैली की जो भी परंपराएँ थीं, वे उनके समय का हिस्सा बन चुकी हैं और आज भी ऐतिहासिक किवदंतियों के रूप में सुनाई जाती हैं।
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महाराजा भूपिंदर सिंह का जीवन एक उदाहरण है, जिसमें ऐश्वर्य, विलासिता, और शाही जीवनशैली का शानदार मिलाजुला हुआ था। उनका “लीला-भवन”, 10 शादियाँ, 365 रानियाँ, रॉल्स रॉयस कारें और पटियाला पैग जैसे किस्से आज भी भारतीय इतिहास में एक दिलचस्प अध्याय के रूप में जीवित हैं।