India News (इंडिया न्यूज), Lovestory of Aurangzeb & Udaipuri: मुगल इतिहास में औरंगजेब को एक क्रूर शासक के रूप में जाना जाता है, जिसने 1658 से 1707 तक भारत पर शासन किया। सत्ता की लालसा में उसने अपने भाइयों की हत्या कर दी और अपने पिता शाहजहां को कैद कर लिया। हिंदुओं के प्रति उसकी नफरत और मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनवाने की घटनाओं ने उसे इतिहास में विवादास्पद बना दिया। बावजूद इसके, औरंगजेब की जिंदगी में दो हिंदू रानियों, नवाब बाई और उदयपुरी महल, का विशेष स्थान रहा। इनमें उदयपुरी महल का औरंगजेब से संबंध और प्रेम की कहानी इतिहास के पन्नों में एक रोचक अध्याय है।

उदयपुरी महल: एक नृतकी से मुगल बेगम बनने तक का सफर

उदयपुरी महल मुगल शासक औरंगजेब की पसंदीदा रानियों में से एक थीं। कहा जाता है कि उदयपुरी पहले दारा शिकोह के हरम की दासी थीं और उससे पहले एक नृतकी के तौर पर काम करती थीं। लाल बालों वाली उदयपुरी की सुंदरता ऐसी थी कि जब औरंगजेब ने पहली बार उन्हें देखा, तो वह उनकी सुंदरता पर मोहित हो गया। उस समय औरंगजेब लगभग 50 वर्ष का था, जबकि उदयपुरी जवान थीं।

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प्रेम और समर्पण

इतिहासकार बताते हैं कि उदयपुरी और औरंगजेब के बीच गहरा प्रेम था। उदयपुरी ने कथित रूप से कहा था कि अगर औरंगजेब की मृत्यु पहले हुई, तो वह सती हो जाएगी। इस बात का जिक्र औरंगजेब ने अपने बेटे काम बख्श को लिखे एक खत में किया था, जिसे बाद में “रुक्काते आलमगीरी” का हिस्सा बनाया गया। यह एक संयोग है कि औरंगजेब और उदयपुरी दोनों की मृत्यु 1707 में कुछ महीनों के अंतराल पर हुई।

उदयपुरी का प्रभाव और औरंगजेब का लगाव

औरंगजेब का उदयपुरी से इतना गहरा लगाव था कि वह उन्हें कई युद्ध अभियानों पर अपने साथ ले गया। उदयपुरी के प्रभाव का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि औरंगजेब ने उनके नाम पर कई लोगों के अपराध माफ कर दिए। यहां तक कि उसने अपने बेटे काम बख्श की शराब पीने की आदत और अन्य गलतियों को भी नज़रअंदाज़ कर दिया।

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उदयपुरी की पृष्ठभूमि पर विवाद

उदयपुरी महल की पृष्ठभूमि को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। यूरोपीय घुमक्कड़ मनुच्ची ने उन्हें जॉर्जियन दासी बताया, जबकि मेजर टॉड और ग्रांड डफ जैसे राजपूत और मराठा इतिहासकारों ने उन्हें जोधपुर की राजपूत महिला माना। हालांकि, उनकी वास्तविक पहचान आज भी विवाद का विषय है।

एक असाधारण संबंध

उदयपुरी महल और औरंगजेब का रिश्ता कई मायनों में असामान्य था। एक तरफ औरंगजेब का हिंदुओं के प्रति कड़ा रुख था, तो दूसरी तरफ उसने उदयपुरी जैसी हिंदू महिला से विवाह किया और उसे जीवनभर प्यार किया। यह विरोधाभास इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के लिए हमेशा से रुचि का विषय रहा है।

औरंगजेब और उदयपुरी महल की कहानी सिर्फ एक शासक और उसकी रानी की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस दौर के सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने को भी दर्शाती है। उदयपुरी का औरंगजेब पर प्रभाव, उनकी पृष्ठभूमि और उनके रिश्ते की गहराई आज भी इतिहास के शोधकर्ताओं को आकर्षित करती है। यह प्रेम कहानी एक बार फिर साबित करती है कि इतिहास में शासकों के निजी जीवन में मानवीय भावनाओं का भी गहरा प्रभाव होता है।

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