India News(इंडिया न्यूज), Maharaja Bhupinder Singh: भारत के इतिहास में कई राजाओं के रंगीन मिजाज और अय्याश जीवनशैली के बारे में किस्से सुनने को मिलते हैं, लेकिन इनमें से एक राजा का नाम विशेष रूप से प्रसिद्ध है – महाराजा भूपिंदर सिंह, जो पटियाला रियासत के शासक थे। उनका जीवन शाही ठाठ-बाट और विलासिता से भरपूर था, और उनके कई अय्याश कारनामों के किस्से आज भी लोग सुनते हैं।
लीला-भवन: रंगीन मिजाज का प्रतीक
महाराजा भूपिंदर सिंह ने अपनी रंगीन जीवनशैली को और भी ग्लैमरस बनाने के लिए एक लीला-भवन नामक भवन का निर्माण कराया। इस भवन में खास बात यह थी कि यहां बिना कपड़ों के प्रवेश किया जा सकता था। यह भवन उनकी अय्याशियत और भोगवादी जीवनशैली का प्रतीक बन गया था। इस भवन में एक स्विमिंग पूल भी था, जहां वे खुलेआम अपने प्रेम प्रसंगों का आनंद लेते थे। लीला-भवन में क्या होता था, इसके बारे में सुनकर किसी का भी सिर चकरा सकता था, क्योंकि यह राजा का जीवन इस हद तक विलासी और रंगीन था कि वह अपनी शाही जिंदगी के हर पहलू को खुलकर जीते थे।
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10 से अधिक शादियां और 365 रानियां
महाराजा भूपिंदर सिंह का विवाह जीवन भी बेहद दिलचस्प था। उन्होंने 10 से अधिक शादियां की थीं, लेकिन सिर्फ यह ही नहीं, उनके पास 365 से अधिक रानियां थीं। यह संख्या इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने अपनी इच्छाओं और भोग के लिए किसी प्रकार की सीमाएं नहीं बनाई थीं। भूपिंदर सिंह का जीवन इसी तरह के रंगीन किस्सों से भरा हुआ था, जो उनकी विलासी प्रवृत्तियों और पावर के प्रतीक बन चुके थे।
‘महाराजा’ किताब में भूपिंदर सिंह के कारनामे
महाराजा भूपिंदर सिंह की अय्याश जीवनशैली और उनके कारनामों के बारे में एक किताब भी प्रकाशित हुई है, जिसका नाम ‘महाराजा’ है। इस किताब में उनके जीवन के कई दिलचस्प और हैरान करने वाले किस्सों का जिक्र है, जो यह दर्शाते हैं कि महाराजा का जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था। उनका शाही जीवन उनके व्यक्तिगत सुखों और विलासिता के इर्द-गिर्द घूमता था, जो सम्राटों के जीवन से हटकर था।
महाराजा भूपिंदर सिंह का जीवन एक प्रकार से राजशाही के अय्याश और विलासी पहलू को दर्शाता है, जहां हर हद पार कर दी गई थी। उनका जीवनशैली, विवाह, रानियों और लीला-भवन जैसी गतिविधियां उन्हें इतिहास के सबसे अय्याश और रंगीन मिजाज वाले राजाओं में से एक बना देती हैं। उनके किस्से आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं और उनके व्यक्तित्व का यह पहलू भारतीय इतिहास में एक अलग पहचान बनाकर रह गया है।