जहांआरा बेगम की संपत्ति और ताकत
जहांआरा बेगम का नाम मुगली इतिहास में इसलिए भी खास है क्योंकि वह केवल एक अमीर महिला नहीं, बल्कि अपने पिता शाहजहां की सबसे विश्वसनीय सलाहकार भी थीं। शाहजहां के शासन के दौरान, जहांआरा बेगम का प्रभाव इतना था कि कई महत्वपूर्ण निर्णयों में उनकी राय अनिवार्य मानी जाती थी। उनके बिना शाहजहां कोई भी महत्वपूर्ण फैसला नहीं लेते थे, जो उनके राजनीतिक और सामरिक प्रभाव को दर्शाता है।
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शाहजहां के बाद संपत्ति की बंटवारा
शाहजहां की मौत के बाद उनकी संपत्ति का आधा हिस्सा जहांआरा बेगम को दिया गया, जो उनकी साम्राज्य में अहम भूमिका को साबित करता है। यह संपत्ति न केवल सोने-चांदी और कीमती रत्नों से भरी थी, बल्कि साम्राज्य की शासन व्यवस्था में उनकी मजबूत पकड़ को भी दिखाती थी। उनके पास इतना धन था कि वह किसी भी महल और महलनुमा इमारत को आसानी से सजाने और महलों के शानदार कार्यों को पूरा कर सकती थीं।
दारा शिकोह की शादी और खर्च
1630 में शाहजहां के बड़े बेटे, दारा शिकोह की शादी हुई, और यह आयोजन उस समय के सबसे भव्य और ऐतिहासिक शादियों में से एक था। इस शादी का जश्न दिल्ली से लेकर आगरा तक बड़े धूमधाम से मनाया गया, जिसमें महलों को रोशनी से सजाया गया और आतिशबाजी का आयोजन किया गया। इस आठ दिन तक चलने वाले उत्सव में कुल 32 लाख रुपये खर्च हुए थे, जिसमें से आधी रकम जहांआरा बेगम ने अपनी संपत्ति से दी थी। इस दान से यह स्पष्ट होता है कि वह अपने परिवार और साम्राज्य के लिए कितनी समर्पित और उदार थीं।
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जहांआरा की उदारता और प्रभाव
जहांआरा बेगम ने न केवल व्यक्तिगत रूप से संपत्ति का योगदान दिया, बल्कि साम्राज्य की समृद्धि को बढ़ाने के लिए भी उन्होंने कई कदम उठाए। उनका खजाना उनके खुद के महल से आता था, जो अत्यधिक संपन्न था। इसके अलावा, वह सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय थीं, और कई धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए अपने धन का उपयोग करती थीं।
उनकी संपत्ति और सामर्थ्य ने उन्हें मुगल साम्राज्य की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक बना दिया। उनका योगदान ना केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे साम्राज्य के लिए था, जिससे उनकी अमीरता और ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जहांआरा बेगम की कहानी एक ऐसी प्रेरणा है जो यह दिखाती है कि केवल पुरुषों के हाथ में ही ताकत और प्रभाव नहीं होता, बल्कि महिलाएं भी समाज, राजनीति, और आर्थिक मामलों में अहम भूमिका निभा सकती हैं। उनकी संपत्ति, ताकत और योगदान मुगल साम्राज्य के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। उनकी दानशीलता और बड़प्पन ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे साम्राज्य को एक नई दिशा दी।