India News (इंडिया न्यूज),Fast and processed food:भागदौड़ भरी लाइफ़स्टाइल में जल्दी-जल्दी कुछ न कुछ खा लेना अब हमारी आदत बन गई है। देर रात तक ऑफिस में रहना हो या वीकेंड पर बाहर जाना हो, आजकल हर प्लेट में बर्गर, बेकन, सॉसेज और डेली हैम जैसी प्रोसेस्ड चीज़ें नज़र आती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये स्वादिष्ट दिखने वाली चीज़ें धीरे-धीरे आपकी आंत को बीमार कर सकती हैं? अमेरिका में कैंसर विशेषज्ञों ने अब डॉक्टरों से अपील की है कि वे प्रोसेस्ड मीट से जुड़े खतरों के बारे में खुलकर बात करें, क्योंकि कोलन कैंसर यानी कोलोरेक्टल कैंसर के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। और इसकी एक बड़ी वजह ये प्रोसेस्ड चीज़ें भी हैं जो हर रोज़ हमारी प्लेट में परोसी जा रही हैं। युवाओं में तेज़ी से बढ़ रहा है आंत का कैंसर पिछले 30 सालों में दुनियाभर में युवाओं में कोलोरेक्टल कैंसर के मामलों में करीब 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पहले माना जाता था कि इसके पीछे वायु प्रदूषण, मोटापा या प्लास्टिक जैसे बाहरी कारक हैं, लेकिन अब डॉक्टरों का मानना ​​है कि प्रोसेस्ड मीट की बढ़ती खपत एक बड़ी वजह बन रही है।

WHO ने भी जताई गंभीर चिंता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले ही प्रोसेस्ड मीट को क्लास-1 कार्सिनोजेन्स की सूची में रखा है, यानी कैंसर पैदा करने वाले सबसे खतरनाक पदार्थ, जिसमें शराब और सिगरेट भी शामिल हैं। प्रोसेस्ड मीट को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जाता है और इसका स्वाद स्मोकिंग, साल्टिंग और नाइट्रेट जैसे रसायनों के ज़रिए बढ़ाया जाता है। लेकिन यही प्रक्रिया हमारे स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक हो सकती है।

शोध क्या कहता है?

वैज्ञानिक शोध में तीन प्रमुख यौगिकों की पहचान की गई है जो प्रोसेस्ड मीट से कैंसर के जोखिम को जोड़ते हैं।

1. हीम आयरन: आंत की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाता है

2. नाइट्रेट: शरीर में प्रवेश करके कार्सिनोजेनिक तत्वों में बदल जाता है

3. नाइट्रोस एमाइन: डीएनए को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व

एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से बेकन और सॉसेज खाते हैं, उनमें आंत के कैंसर का जोखिम 40% अधिक होता है। वहीं, एक अन्य अध्ययन जिसमें 5 लाख से ज़्यादा महिलाएं शामिल थीं, ने भी पाया कि शराब के बाद कैंसर के लिए सबसे बड़ा आहार कारक रेड और प्रोसेस्ड मीट है।

ब्रिटेन से आ रही चिंताजनक तस्वीर

ब्रिटेन में आंत्र कैंसर चौथा सबसे आम कैंसर है और हर साल करीब 17,000 लोग इससे मरते हैं। अनुमान है कि अगर यही सिलसिला जारी रहा तो 2040 तक हर साल 2,500 और मौतें हो सकती हैं। एक विश्लेषण के अनुसार, इंग्लैंड में 2010 से 2017 के बीच युवाओं में आंत्र कैंसर के मामलों में हर साल 3.6% की वृद्धि हुई है। जो पूरे यूरोप में सबसे ज़्यादा है।

UP के बाद अब दिल्ली में भी अजान पर पाबंदी, लाउडस्पीकर को लेकर CM Rekha ने जारी किए आदेश, खबर जान मुसलमानों ने पकड़ लिया माथा

गलत स्किन केयर ले सकती है आपकी जान, ये रुटीन बन सकता है कैंसर की बड़ी वजह, जानिए डॉक्टर की चेतावनी

Aaj Ka Mausam: देश में बदलेगा मौसम का मिजाज, 18 से 20 अप्रैल के बीच झमाझम बारिश के आसार