India News (इंडिया न्यूज), Correct Way To Inject: इक्कीसवीं सदी को विज्ञान का युग माना जाता है, जहां नई-नई खोजें जीवन को बेहतर बनाने के लिए की जा रही हैं। विज्ञान ने आज ऐसी प्रगति कर ली है जिसे देख आज इंसानी आँखें भी हैरान रह जाती है। लेकिन इसी बीच, दवाइयों और इंजेक्शन के उपयोग के दौरान हवा का बुलबुला नसों में जाने का डर भी बना रहता है। कई लोग सोचते हैं कि अगर गलती से कोई गलत दवा या हवा उनके शरीर में चली जाए, तो क्या होगा?

एयर एमबॉलिज्म: एक गंभीर स्थिति

जब नसों या धमनियों में हवा का बुलबुला (एयर एमबॉलिज्म) चला जाता है, तो यह स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। हेल्थलाइन और मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, धमनियों में हवा का बुलबुला घुसना जानलेवा साबित हो सकता है। धमनियों में रक्त उच्च दबाव में बहता है, जिससे एक छोटा सा बुलबुला भी दिल के दौरे का कारण बन सकता है।

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नसों बनाम धमनियाँ

हालांकि, नसों में हवा का बुलबुला जाना उतना खतरनाक नहीं है, क्योंकि वहाँ रक्त की गति धीमी और दबाव कम होता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, नसों में हवा का बुलबुला जाने से कुछ समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे नसों का रंग बदलना या ब्लॉकेज।

इंजेक्शन का तरीका

इंजेक्शन लगाने से पहले डॉक्टर हमेशा सिरिंज में से हवा निकालते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि हवा का एक छोटा सा बुलबुला भी नसों में न जाए, जिससे रक्त के बहाव में रुकावट न आए। एक्सपर्ट के अनुसार, यदि हवा का बुलबुला नस में चला जाए, तो यह दिल का दौरा या अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

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स्कूबा डाइविंग और एयर एमबॉलिज्म

दिलचस्प बात यह है कि स्कूबा डाइविंग के दौरान भी एयर एमबॉलिज्म की समस्या होती है। समुद्र की गहराइयों में डाइव करते समय, यदि कोई व्यक्ति जल्दी से सतह पर आता है, तो उसके शरीर में हवा के बुलबुले बन सकते हैं, जो घातक साबित हो सकते हैं।

निष्कर्ष

इस प्रकार, एयर एमबॉलिज्म एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही सावधानियों के साथ, जैसे कि इंजेक्शन लगाने से पहले हवा निकालना, इसके खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान उचित ध्यान रखा जाए, ताकि संभावित खतरों से बचा जा सके।

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