Karnataka Reservation: कर्नाटक में चुनाव से ठीक एक महीने पहले राज्य सरकार ने आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। फैसले के तहत नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने OBC मुसलमानों के लिए 4% कोटा खत्म कर इस कोटे को को वोक्कालिगा और लिंयागत समुदायों में बांट दिया गया है। फैसले के बाद वोक्कालिगा के लिए कोटा 4% से बढ़ाकर 6% कर दिया गया है। इसके अलावा पंचमसालियों, वीरशैवों और अन्य लिंगायत श्रेणियों के लिए कोटा 5% से बढ़ाकर 7% हो गया है। वहीं अब मुस्लिम समुदाय को EWS कोटे के तहत आरक्षण मिलने की खबर है।
कर्नाटक में आरक्षण बढ़कर अब 56 प्रतिशत हुआ
बता दें कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए रिजर्वेशन 15% से बढ़ाकर 17% कर दिया है, तो वहीं अनुसूचित जाति के लिए इसे 3% से 7% बढ़ाया गया है। यहां आपके लिए ये जानना जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य में रिजर्वेशन 50 प्रतिशत तक के लिए तय किया गया था। सरकार के इस बड़े फैसले के बाद आरक्षण की सीमा 56 फीसदी हो गई है।
बड़े फैसले के बाद क्या बोले CM बसवराज बोम्मई ?
खास बात ये है कि बसवराज बोम्मई की सरकार की ओर से ये फैसला तब लिया गया है जब चुनाव में महज एक महीने का समय ही बचा है। अपने फैसले को लेकर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों का आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा और बिना किसी शर्त के बदलाव के ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 10 प्रतिशत पूल के तहत लाया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा ‘‘अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण को 2सी और 2डी के बीच दो हिस्सों में बांटा जाएगा। वोक्कालिगा और अन्य के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बढ़कर छह प्रतिशत हो जाएगा जबकि वीरशैव पंचमसाली और अन्य (लिंगायत), जिन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था, उन्हें अब सात प्रतिशत मिलेगा।’’