India News (इंडिया न्यूज),26 January 2024: चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर पंजाब के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। भगवंत मान ने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी 26 जनवरी की राष्ट्रीय परेड से पंजाब की झांकी को बाहर कर दिया गया है। सीएम ने कहा कि पंजाब में गुरु साहिबान के छोटे साहिबजादों की शहादत को याद किया जा रहा है। लेकिन आज केंद्र सरकार ने हमारे साथ अन्याय किया है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम भगवंत मान ने कहा कि हमें केंद्र सरकार से एक पत्र मिला है। पिछले साल 26 जनवरी को पंजाब की कोई झांकी नहीं थी। इस साल केंद्र सरकार ने हमें पत्र लिखकर पूछा था कि क्या हम पंजाब की झांकी भेजना चाहते हैं, हम सहमत हुए और हमने 3 झांकियां प्रस्तावित कीं।
सीएम ने केंद्र को भेजे तीन विचार
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब की कुर्बानियों का इतिहास, नारी शक्ति और पंजाब की विरासत ये तीन विचार भेजे गए। हमने माई भागो को नारी शक्ति के साथ जोड़कर विचार भेजा। पंजाब की संस्कृति की झांकी के लिए भी सुझाव भेजें। हमने केंद्र सरकार के साथ तीन बैठकों में समिति से बात की। लेकिन इस बार भी केंद्र सरकार ने हमें पत्र भेजकर बताया कि पंजाब की झांकी इसमें नहीं होगी।
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 26 जनवरी की परेड में शामिल झांकियों की सूची में पंजाब और दिल्ली का नाम नहीं है। इस लिस्ट में 90 फीसदी से ज्यादा बीजेपी शासित राज्यों की झांकियां हैं। ऐसा लगता है कि 26 जनवरी की झांकी का भी भगवाकरण हो गया है। पिछले साल भी पंजाब की कोई झांकी नहीं थी।
पंजाब के योगदान को नजरअंदाज करने का आरोप
सीएम ने कहा कि अगर पंजाब की झांकी नहीं है तो 15 अगस्त और 26 जनवरी की झांकी का क्या मतलब है। झांकी में अंडमान निकोबार तक पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी नजर आ रहे हैं। बीजेपी नेता पूरे पंजाब में मोदी की झांकी (विकास भारत संकल्प यात्रा) लेकर जा रहे हैं, लेकिन देश की आजादी में योगदान देने वाले पंजाब की झांकी दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय परेड में नहीं है।
सीएम ने कहा कि पंजाब की अस्वीकृत झांकी में पंजाब में ‘केंद्र सरकार द्वारा अस्वीकृत’ लिखा हुआ दिखाया जाएगा। मैं पंजाब के तीन करोड़ लोगों के साथ केंद्र सरकार के अन्याय का सामना करूंगा। वे हमारी झांकियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक सकते हैं लेकिन हमें पंजाब में अपनी संस्कृति दिखाने से कोई नहीं रोक सकता। दिल्ली में भी झांकी नहीं है, इसका मतलब है कि हमें वोट दो नहीं तो तुम्हारी झांकी नहीं आने दी जाएगी।
मान ने केंद्र को पत्र लिखने की बात कही
सीएम ने कहा कि पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ और कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब की जनता को इसका जवाब देना चाहिए। पंजाब सरकार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से भी बात करेगी और पत्र भी लिखेगी। भाजपा के सिख चेहरे मनजिंदर सिंह सिरसा और आरपी सिंह जैसे नेताओं को भी पंजाब के साथ हुए अन्याय के लिए जवाब देना चाहिए।
भगवंत मान ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री वीर बाल दिवस मना रहे हैं और सिख इतिहास का सम्मान करने की बात कर रहे हैं लेकिन 26 जनवरी को पंजाब के इतिहास की झलक भी नहीं दिखाने देते। पंजाब के जवान सीमा पर खड़े हैं लेकिन फिर भी पंजाब का सम्मान नहीं है। भगत सिंह की शहादत को बीजेपी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। सीएम के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अपना काम किया है और हम 26 जनवरी को इसका जवाब देंगे।
पंजाब के साथ हो रहा अन्याय- सीएम
सीएम ने केंद्र सरकार पर गैर-बीजेपी शासित राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब में हर चीज के लिए हमें कोर्ट जाना पड़ता है। जिस पंजाब की बदौलत देश को आजादी मिली, उस इतिहास को देश की झांकियों में दिखाने के लिए क्या हमें राष्ट्रपति के पास जाना पड़ेगा? यह देश को आजादी दिलाने वालों के साथ अन्याय होगा।’
सीएम भगवंत मान ने कहा है कि 26 जनवरी के मौके पर पंजाब में ही बड़ी परेड निकाली जाएगी। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा खारिज की गई पंजाब की सभी झांकियों के विचारों को दिखाया जाएगा और हम पंजाब के इतिहास को अपने माध्यम से पूरे देश के लोगों के सामने पेश करेंगे।
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