India News (इंडिया न्यूज़), India-Afghanistan Asafoetida Trade: शायद जब आपने इस खबर की हेडलाइन देखी होगी तो आपके मन में यह सवाल आया होगा कि ‘शैतान का गोबर’ क्या होता है? तो बता दें कि ‘शैतान का गोबर’ भारतीय खाने में इस्तेमाल होने वाला एक अहम मसाला है, जो हर रोज़ आपकी दाल की खुशबू बढ़ाता है और पेट के हाजमे को दुरुस्त रखता है। ‘हींग’ का एक नाम ‘शैतान का गोबर’ भी है, जिसका हिंदी में अनुवाद ‘शैतान का गोबर’ होता है। इसे ‘शैतान का गोबर’ क्यों कहा जाता है और भारत अफ़गानिस्तान के साथ कितना व्यापार करता है? आज इस आर्टिकल में हम आपको सारे जवाब देंगे।

  • अफगानिस्तान से आता है शैतान का गोबर
  • ‘शैतान का गोबर’ का कारोबार

अगर गणपति पूजा में बप्पा को नहीं चढ़ाई ये चीज तो कभी सफल नहीं होगी पूजा…विष्णु-ब्रह्मा से हैं गहरा सम्बन्ध?

अफगानिस्तान से आता है शैतान का गोबर

भारत ने भले ही अभी अफ़गानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता न दी हो। उसने वहां अपना दूतावास भी बंद कर दिया है। लेकिन लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने यह ज़रूर साफ़ कर दिया है कि दोनों देशों के बीच व्यापार अभी भी जारी है। उत्तर प्रदेश का हाथरस शहर ‘हींग’ के लिए जाना जाता है। यहां की हींग को जीआई टैग भी मिला हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस सामग्री से हींग तैयार होती है, उसे भारत अफगानिस्तान से आयात करता है।

हींग गाढ़े दूध या पेस्ट के रूप में भारत आती है। यह कुछ-कुछ फेविकोल जैसी होती है, लेकिन इसका रंग हल्का गुलाबी होता है। इसमें तय फॉर्मूले के हिसाब से आटा और गोंद मिलाया जाता है। इसके बाद इसे धूप में सुखाया जाता है, फिर हींग की छोटी-छोटी गांठें तैयार की जाती हैं। इसे पीसकर हींग तैयार की जाती है।

12 में से इन पांच राशि के लोगों के लिए ये सप्ताह बदल देगा सबकुछ, जानें क्या छिपा है आने वाले दिनों में   

‘शैतान का गोबर’ का कारोबार

हींग का यह दूध अफगानिस्तान से भारत में आयात किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत जो हींग आयात करता है, उसका 90 फीसदी हिस्सा अफगानिस्तान से आता है। बाकी 8 फीसदी उज्बेकिस्तान और 2 फीसदी ईरान से आता है।

अफगानिस्तान से भारत आने वाले इस ‘शैतान के गोबर’ की मात्रा करीब 1500 टन है, जबकि यह कारोबार करीब 1,000 करोड़ रुपये का है। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद से इसके व्यापार में कई बाधाएं आई हैं, लेकिन फिर भी अलग-अलग रास्तों से इसका व्यापार हो रहा है।

मुसलमानों के सबसे बड़े देश में 700 साल से खौलते लावे को थामे बैठे हैं गणपति, क्या है रहस्य