इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
Farmers will play big role in Punjab election :
पंजाब चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा किसानों का रहेगा। जिसमें समस्या है, घटता हुआ फार्म साइज, और फसलों का कम हो रहा उत्पादन। पंजाब का सबसे बड़ा मुद्दा है, कि पंजाब के युवा पलायन कर रहे हैं। किसी भी युवा से पूछ लें, तो पता चलता है, कि वो आईलेट्स का पेपर देकर उसके बाद वो बाहर जाना चाहता है।

पंजाब के नौजवानों का पलायन एक बड़ी समस्या बना हुआ है। इसके साथ ही पंजाब में बहुत देर से वित्तीय संकट है। पंजाब उम्मीद करता है, कि जब राजनीतिक पार्टियां वादा करती है, तो उन वादों को पूरा करने के लिए रुपए कहां से लाया जाएंगे। घोषणाओं को पूरा करने के लिए बताया जाए कि पैसा कहां से आएगा।

गेहूं, धान के अलावा अन्य फसलों को उगाया जाना चाहिए Farmers will play big role in Punjab election

गेंहू, धान के अलावा कौन-कौन सी फसलों को उगाया जाए, कैसे वो सब हो। उसे लेकर काम किया जाए। पंजाब में ग्राउंड वॉटर नीचे जा रहा है। उस पर काम करने के लिए एक पार्टी को चुनना होगा। पंजाब के लोगों को इन मुद्दों के बारे में सभी सियासी पार्टियों को बताना होगा।

कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस से जुडे रहे हैं। जरूर उनके जाने से नुकसान होगा। जनता, भगवान होती है। ये बात भी सही है, कि चरणजीत सिंह चन्नी के सीएम बनने के बाद वर्कर से लेकर नेताओं में उत्साह आया है। लोगों का विश्वास बढ़ा है। पंजाब के लिए इस सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। पंजाब में विधानसभा चुनाव का फैसला बहुत कम मार्जिन का रहता है।

कई देशों के लोग पंजाब से जुड़े Farmers will play big role in Punjab election

मेरा मानना है, कि पंजाब में बहुत सारे लोग हैं, जो बाहर बसते हैं। कैनेडा, यूरोप या अन्य देश, कई देशों से पंजाब प्रभावित है। पंजाब में एक व्यक्ति का चुनाव नहीं होगा, बल्कि एक विचारधारा का चुनाव होगा। जो चुनौतियां हैं, उस बारे में क्या किया जाएगा। कारगिल की लड़ाई के बाद पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों को तेज कर चुका है। उसके बाद संसद पर हमला होता है, अटल बिहारी उस समय देश के पीएम थे।

जी-23 मीडिया ने बनाया Farmers will play big role in Punjab election

कारगिल उस समय सबसे बड़ा आप्रेशन था। आप्रेशन पराक्रम किसी नतीजे तक नहीं पहुंचा और कई सालों तक भारत उस प्रॉक्सी वॉर को झेलता रहा है। जब वो हमला चल रहा था, तो उस दौरान कहा था, कि पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए।

कुछ नेता चाहते हैं, कि कांग्रेस में आत्मचिंतन हो, जी-23 मीडिया ने बनाया है। नेत्तृव पर किसी ने सवाल खड़ा नहीं किया है। वो नेता चाहते हैं, कि कांग्रेस और वर्ष 2024 के चुनाव को लेकर तैयारी की जानी चाहिए। इसके लिए एक विजन की जरूरत है।

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