इंडिया न्यूज़: एयरबस और एयर फ्रांस को रियो-पेरिस फ्लाइट 447 के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया है। बता दे पेरिस की एक अदालत ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। फ्रांस के इतिहास की सबसे बड़ी विमानन आपदा के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए अक्तूबर से ही फ्रांस की इन दोनों कंपनियों के खिलाफ ट्रॉयल शुरू हुआ था। साल 2009 में हुई दुर्घटना में 228 लोग मारे गए थे।
- दुर्घटना में मारे गए थे 228 लोग
- फ्रांस के इतिहास की सबसे बड़ी थी विमान आपदा
- 2009 में हुई थी दुर्घटना
नहीं मिले पर्याप्त सबूत
मामले में फैसला सुनाते हुए पेरिस की अदालत ने कहा कि कंपनियों से गलतियां हुई हैं, बावजूद इसके पूरी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। बता दें कि बीते साल अक्तूबर में, इस दुर्घटना के संदर्भ में 13 साल बाद ट्रॉयल शुरू हुआ था।
अनैच्छिक हत्या का लगाया गया था आरोप
ट्रॉयल के दौरान फ्रांस की दो विमानन कंपनियों पर अनैच्छिक हत्या का आरोप लगाया गया था। जिनका उन्होंने खंडन किया था। दोनों कंपनियों ने कहा था कि उन पर फौजदारी मामला नहीं बनता है। एयर फ्रांस पहले ही दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा दे चुकी है।
दुर्घटना के पीड़ितों ने दर्ज कराया था अपना विरोध
एएफपी के मुताबिक, दिसंबर में आठ सप्ताह तक सुनवाई के बाद अदालत ने कहा था कि एयर फ्रांस और एयरबस को इस मामले में दोषी ठहराना संभव नहीं होगा। इस टिप्पणी के बाद दुर्घटना के पीड़ितों ने अपना विरोध भी दर्ज कराया था।
विमान में 216 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य थे सवार
रियो-पेरिस फ्लाइट 447 1 जून 2009 को अटलांटिक महासागर के ऊपर एक तूफान में रडार से गायब हो गया था। विमान में 216 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। इस विमान और उसके ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डर को खोजने में दो साल लग गए। इस दुर्घटना के बाद हवाई सुरक्षा नियमों में व्यापक बदलाव किए गए।