इंडिया न्यूल, भोपाल।

Gandhian thinker Subbarao is no more चंबल को डकैतों से मुक्त कराने वाले गांधीवादी नेता डॉ. एसएन सुब्बाराव का निधन हो गया। राव ने जयपुर के अस्पताल में अंतिम सांस ली। बता दें कि डॉ. सुब्बाराव ने अपना पूरा जीवन समाजसेवा को समर्पित किया। डॉ. सुब्बाराव ने 14 अप्रैल, 1972 को जौरा के गांधी सेवा आश्रम में 654 डकैतों का आत्म समर्पण कराया था। 450 डकैतों ने जौरा के आश्रम में जबकि 100 डकैतों ने राजस्थान के धौलपुर में गांधीजी की तस्वीर के सामने हथियार डाले थे।

अनेक पुरस्कारों से नवाजा जा चुका (Gandhian thinker Subbarao is no more)

पद्मश्री से सम्मानित डॉ. सुब्बाराव को 1995 में राष्ट्रीय युवा परियोजना को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सममानित किया गया था वहीं 2003 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार, 2006 में 03 जमानालाल बजाज पुरस्कार, 2014 में कर्नाटक सरकार की ओर से महात्मा गांधी प्रेरणा सेवा पुरस्कार और नागपुर में 2014 में ही राष्ट्रीय सद्भावना एकता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

भाईजी के नाम से थे प्रसिद्ध (Gandhian thinker Subbarao is no more)

ग्वालियर चंबल संभाल में डॉ. सुब्बाराव अक्सर भाईजी के नाम से प्रसिद्ध थे। ये वहीं डॉ. सुब्बाराव थे जिन्होंने जौरा में गांधी सेवा आश्रम की नींव रखी थी, जो अब श्योपुर तक गरीब व जरूरतमंदों से लेकर कुपोषित बच्चों के लिए काम कर रहा है।

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