देसी गुलाब से निर्मित गुलकंद के जादुई असर (Gulkand Benefits in Hindi)
● यह गुलाब की पत्तियों से बनाया जाता है।
● इसे बनाना बहुत ही आसान है।
● गुलकंद का सेवन गर्मियों मे शरीर के लिए बहुत ही अच्छा होता है।
● यह एक आयुर्वेदिक टोनिक है, बच्चो को तो यह ज़रूर देना चाहिए।
● इसे बनाने के लिए कल्चर्ड गुलाब नही लेने चाहिए, बढ़िया देसी गुलाब लीजिए।
● यह शीतलता देने के साथ साथ अनेको फ़ायदे करता है, जैसे अम्लपित्त, आंतरिक जलन, प्यास, शरीर की जलन, नाक या मल मूत्र मार्ग से होने वाला रक्त स्त्राव, अधिक मासिक स्त्राव, रक्त अल्पता, पित्त जनित बीमारियां आदि मे यह बहुत लाभकारी है।
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●आवश्यक सामग्री● (Gulkand Benefits in Hindi)
◆ गुलाब की पत्तियां–100 ग्राम
◆ चीनी – 200 ग्राम
◆ कांच का जार – 1
●बनाने की विधि● (Gulkand Benefits in Hindi)
● सबसे पहले गुलाब से पत्तियां तोड़ कर अलग कर ले इन्हे साफ पानी मे धो लीजिए।
● अब एक काटन कपड़े पर डाल कर सूखा लीजिए।
● अब एक साफ, सूखा कांच का जार लीजिए इसमे एक लेयर (परत) गुलाब की पत्तियो की फिर उसके उपर दूसरी परत चीनी की डालिए।
● फिर गुलाब और फिर चीनी, इसी तरह परत दर परत जार मे लगा कर जार का ढक्कन कस कर बंद कर दीजिए।
● इसे रोजाना 10 से 4 बजे तक धूप मे रखिए, करीब 3-4 हफ्ते तक।
● बस आप देखेंगे की सारी चीनी व गुलाब की पत्तियाँ घुल मिल कर एक हो गई है।
● बस गुलकंद तैयार हो गया है।
● धूप व मौसम के हिसाब से यह तैयार होने का समय लेगा।
● ये गुलकंद की सिंपल व कॉमन रेसिपी है, चाहे तो इसकी गुणवत्ता बढ़ने के लिए इसमे थोड़ी मात्रा मे सोंफ, प्रवालपिश्टी, जावित्री, इलायची, मुक्तापिशटी भी डाल सकते है।
●सेवन की विधि● (Gulkand Benefits in Hindi)
(1) इसे सामान्यतः सुबह सुबह 1-2 चम्मच लेना बहुत अच्छा है।
(2) कब्ज की समस्या में दोपहर के भोजन के बाद 2-3 चम्मच ले, बहुत फ़ायदा करेगा।
(3) जिन बच्चो के पेट मे कीड़े हो उन्हे दिन मे दो बार 1-1 चम्मच गुलकंद, आयुर्वेदिक पाउडर विडंग के साथ मिक्स करके लगभग 15 दिन तक दें।
चाहे तो गुलकंद शेक या गुलकंद पेड़ा भी बना सकते है। ठंडे दूध मे गुलकंद शेक बनाइए यह बहुत फ़ायदेमंद है।
(Gulkand Benefits in Hindi)
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