India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Violence: नूंह हिंसा ने कई परिवारों की जिंदगी में अंधेरा कर दिया है हिंसा ने किसी की औलाद छीन ली तो किसी का घर, नूंह हिंसा का खौफनाम मंजर चार दिन बाद भी लोगों के जेहन में वैसा ही है। नूंह के लोगों के कानों में अभी भी गोलियों की तड़तड़ाहट और चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दे रही है मंजर ऐसा कि अब बड़ी तादात में प्रवासी कामगार या तो अपने गृहनगर की ओर जा रहे हैं या फिर नए काम की तलाश में पड़ोसी राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं।

बाढ़ से बचकर आए थे हरियाणा

उत्तर प्रदेश के औरैया में आई बाढ़ में सरताज ने अपना सबकुछ खो दिया, सरताज औरैया में एक ठेला लगाता था और उसी पर खाने-पीने की चीजें बेचा करता था। बाढ़ में सरताज का ठेला बह गया अपने परिवार का पेट पालने के लिए एक महीने पहले ही सरताज ने नूंह को अपना नया ठिकाना बनाया। उधार लेकर नूंह पहुंचे सरताज ने यहां भी एक गाड़ी लगाई उसकी जिंदगी अभी पटरी पर आ ही रही थी कि हिंसा हो गई। सरताज का कहना है कि वो वापस उसी हालत में पहुंच गया है जैसा औरैया में छोड़कर आया था।

भूख से तड़पते बच्चों को नहीं देख सकता

सरताज ने कहा कि हिंसा के बाद से सबकुछ बंद है हमारे पास घर पर खाने के लिए भी कुछ नहीं है। पिछले चार दिन से मेरे बच्चे भूख से तड़प रहे हैं। मैं और मेरी पत्नी तो किसी तरह गुजारा कर भी लें लेकिन बच्चों को इस तरह से नहीं देख सकते। सरताज ने कहा कि वो अब वापस घर जाना चाहता है लेकिन उसके पास इतने भी पैसे नहीं कि वो वापस जा सके।

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