India News ( इंडिया न्यूज़ ), Health News : धूम्रपान एक व्यापक स्वास्थ्य समस्या है जो लोगों को नुकसान पहुंचा सकती है खासकर महिलाओं को जो गर्भधारणा की कोशिश कर रही हों। स्मोकिंग शरीर में न केवल रोग प्रतिकारक शक्ति को कम करता है बल्कि गर्भधारणा और प्रेगनेंसी पर भी असर डालता है। धूम्रपान फेफड़े, हार्ट, गले और गर्दन को इफेक्ट कर सकता है जिससे कैंसर, हार्ट डिजीज, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और डायबिटीज हो सकते हैं। इसके अलावा धूम्रपान रिप्रोडक्टिव फंक्शन पर भी इसर डाल सकता है महिलाओं में एक्टिव और इनएक्टिव स्मोकिंग दोनों प्रजनन अंगों और उनके कार्य पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं इसकी वजह से महिलाओं में अंडाशय से संबंधित कई समस्याएं हो सकती हैं साथ ही गर्भधारण की प्रगति और परिणाम भी प्रभावित हो सकते हैं।
बीजगर्भ और गर्भाशय की क्षमता
स्मोकिंग गर्भधारणा की क्षमता को कम कर सकती है। निकोटीन और तम्बाकू में मौजूद कई जहरीले तत्व रसायनिक प्रक्रियाओं को विकसित कर सकते हैं जो गर्भधारणा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और इससे बीजगर्भ को अविकसित होने का सामना करना पड़ सकता है। धूम्रपान से गर्भाशय की क्षमता प्रभावित होती है जिससे गर्भ को अच्छी तरह से अटैच होने में दिक्कत हो सकती है। यह बुरी तरीके से प्रेगनेंसी के निष्कासन का खतरा बढ़ा सकता है और गर्भपात के संभावनाओं को भी प्रभावित कर सकता है।
हार्मोनल संतुलन
धूम्रपान आवश्यकता से अधिक निकोटीन के कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोनल संतुलन में बदलाव हो सकता है जिससे गर्भाशय के भीतर अंडों के प्रकार और संख्या में परिवर्तन हो सकता है। इससे प्रेगनेंसी के आयोजन और संभावित निष्कासन की क्षमता प्रभावित हो सकती है और गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। इन सभी परिस्थितियों में स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को गर्भधारणा और प्रेगनेंसी के लिए खतरा होता है। धूम्रपान से जुड़े नुकसान के चलते
उन्हें प्रेगनेंसी में संभव जीवनशैली और विकास के संबंध में जागरूक रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर किसी महिला को गर्भधारणा की कोशिश करनी है तो उन्हें स्मोकिंग को छोड़ने की सलाह देना चाहिए।
नोट: यहां दी गई सलाह आम जानकारी के आधार पर है। यदि आपके पास किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या है, तो कृपया एक पेशेवर चिकित्सक से सलाह लें।
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