इंडिया न्यूज, बेंगलुरु (High Court Judge) : कर्नाटक हाईकोर्ट के जज एचपी संदेश ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह भ्रष्ट अधिकारियों को नियुक्त न करें।
गौरतलब है कि जज ने ट्रांसफर की धमकियों को लेकर मौखिक टिप्पणी की थी। वे इस मामले की गंभीरता से लेते हुए इसे आॅन द रेकॉर्ड ले आए हैं। जस्टिस संदेश ने कहा था कि एंटी करप्शन ब्यूरो और एडीजीपी को लेकर की गईं टिप्पणियों को लेकर उन्हें ट्रांसफर की धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने एसीबी को भ्रष्टाचार का मुख्य केंद्र बताया था।
ऐसी नियुक्ति न की जाए जो सार्वजनिक हित में अड़ंगा लगाते है
जस्टिस एचपी संदेश ने एक अंतरिम आदेश देते हुए कर्नाटक के मुख्य सचिव और डिपार्टमेंट आॅफ पर्सनेल ऐंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स को यह निर्देश दिया है कि ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति न की जाए जो सार्वजनिक हित के बीच में अड़ंगा लगाते है। ऐसे पद पर किसी भी व्यक्ति को नियुक्त करते समय उसकी विश्वसनीयता का ध्यान रखा जाए ताकि संस्थान की गरिमा बनी रहे।
एसीबी हेड के सर्विस रिकार्ड का जिक्र कर जारी किया गया है यह आदेश
कोर्ट ने एसीबी हेड एडीजीपी सीमांत कुमार सिंह के सर्विस रेकॉर्ड का जिक्र करते हुए यह आदेश जारी किया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि सीमांत कुमार सिंह पर अवैध खनन रैकेट 2009-10 के मामले में सीबीआई जांच भी हो चुकी है। तब वह कर्नाटक के बेल्लारी जिले में एसपी थे। बता दें कि जस्टिस संदेश ने 4 जुलाई को कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्हें ट्रांसफर की धमकी दी गई थी।
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