Kultar Singh Sandhwan Elected Punjab Assembly Speaker
इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़:
Kultar Singh Sandhwan Elected Punjab Assembly Speaker: पंजाब सरकार (Punjab Government) के मंत्रियो के नाम घोषित होने के बाद अब आखिरकार विधानसभा (Assembly) के स्पीकर पद को लेकर चला आ रहा सस्पेंस भी खत्म हो गया है। सूबे में भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) द्वारा सीएम पद की शपथ लेने के बाद मंत्रियों और स्पीकर के नामों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन पंजाब विधानसभा के सेशन के दूसरे दिन आखिरकार विधानसभा के नए स्पीकर का चुनाव कर लिया गया है।
कोटकपूरा (Kotakpura) के विधायक कुलतार सिंह संधवा (Kultar Singh Sandhwan) को विधानसभा का स्पीकर (Punjab Assembly Speaker) चुना गया है। संधवां वर्ष 2017 के चुनावों में भी विधायक बन कर सदन में पहुंचे थे। कांग्रेंस की सरकार के समय भी संधवां ड्रग्स, खनन और अपने हल्के के मुद्दों को जोर शोर से उठाते थे और पार्टी की नीतियों पर चलते थे।
सीएम ने संधवा का नाम स्पीकर के लिए प्रस्तावित किया
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पीकर के तौर पर संधवां के नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा (Harpal Cheema) ने भी अपनी सहमति जताई। इसके बाद संधवां को बिना मुकाबले के चुन लिया गया। नए चुने स्पीकर को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने सदन में अपने पहले भाषण के दौरान भरोसा दिया कि सदन की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग (live streaming) को यकीनी बनाने के लिए पुख्ता प्रबंध किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सदस्यों की ओडियो और वीडियो रिकार्डिंग भी मुहैया करवाई जायेगी जिससे सदन की कार्यवाही सार्वजनिक की जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भविष्य में सदन की ऑडिओ और वीडियो रिकार्डिंग पत्रकारों (journalists) को भी मुहैया करवाई जायेगी।
पहले महिला विधायकों के नाम की थी चर्चा
पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद विधानसभा स्पकीर के तौर पर पार्टी की 2 महिला नेताओं का नाम दौड में चल रहा था। लेकिन आप ने किसी महिला विधायक का स्पीकर नहीं बना कर संधवां को स्पीकर चुन लिया। इन महिला विधायकों मं प्रो. बलजिदर कौर (Pro. Baljidar Kaur) और सर्वजीत कौर माणूके (Sarvjit Kaur Manuke) का नाम शामिल था। यह दोनों वर्ष 2017 के चुनाव में भी चुनाव जीत कर सदन में पहुंची थी।
सदन माडल हाउस बनाने की अपील
भगवंत मान ने आशा अभिव्यक्त की कि विरोधी पक्ष पंजाब विधान सभा को देश भर में मॉडल हाऊस बनाने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सदन के सभी सदस्य रंगला पंजाब की सृजना करने में अपना योगदान डालेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार सदन में विरोधी पक्ष के सदस्यों की तसल्ली होने तक उनके सभी सवालों के उचित जवाब देगी।
कांग्रेंस के समय भी करते थे लाइव प्रसारण की मांग
उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि बदकिस्मती से पहले जब कोई भी सदन की कार्यवाही रिकार्ड कर रहा होता था तो विशेष अधिकार प्रस्ताव का प्रयोग करके अपने राजनैतिक विरोधियों को निशाना बनाते थे। उन्होंने कहा कि ऐसा करना सदस्यों की आजाादी के अधिकार की सरेआम उल्लंघन है, इस लिए ’आप’ सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर फैसला किया है कि भविष्य में ऐसा कभी नहीं होगा और सदन की सारी कार्यवाही सार्वजनिक की जायेगी। कांग्रेंस सरकार के दौरान भी आप की ओर से सदन की कार्यवाही को लाइव करने की मांग की जाती रही थी।
इन नेताओं ने भी दी बधाई
विपक्ष के नेताओं तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली, भाजपा नेता अश्वनी शर्मा, बसपा नेता नछतर पाल सिंह, सुखपाल खैहरा, प्रताप सिंह बाजवा, सत्ता पक्ष के अमन अरोड़ा ने जहां स्पीकर चुने जाने पर कुलतार सिंह संधवां को बधाई दी
पूर्व राष्ट्रपति के गांव के ही है संधवां
पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह भी संधवा गांव के ही थे। वह उनके परिवार से संबंध रखते हैं। संधवा खुद को पूर्व राष्ट्रपति पोता कहना पसंद करते हैं। कुलतार सिंह संधवा 2017 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर कोटकपूरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और 10 हजार से अधिक मतों से जीते। संधवा ने वर्ष 2022 में 21 हजार मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव जीता। संधवां के दादा जंगीर सिंह और पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह भाई थे।
अब हमें न कहना पड़े- अंधा-गूंगा स्पीकर
सोमवार को सदन में जब पक्ष और विपक्ष के सदस्य नए स्पीकर को बधाई दे रहे थे, उसी कड़ी में कांग्रेस के विधायक परगट सिंह ने स्पीकर कुलतार संधवा को उनके ही शब्द इस तरह याद दिलाए कि मुख्यमंत्री समेत सदन में मौजूद सभी सदस्य हंसने पर मजबूर हो गए। उन्होंने नए स्पीकर से कहा कि पिछली विधानसभा में आप विपक्षी सदस्य के रूप में जोरशोर से अपनी बात रखते रहे हैं। कई बार तो आप तत्कालीन स्पीकर को अन्ना-बोला (अंधा-गूंगा) स्पीकर तक कह देते थे। इस बार विपक्ष का ख्याल रखियेगा, कहीं हमें भी ऐसा ही न कहना पड़े।
इस पर स्पीकर संधवा और मुख्यमंत्री मान समेत सभी सदस्य हंस पड़े। परगट सिंह ने पंजाब में सत्ता परिवर्तन को राजनीतिक सुधार करार देते हुए कहा कि पंजाबी 20-25 साल में ऐसे फैसले लेते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अनुभव किया है कि दिल्ली और उसकी ब्यूरोक्रेसी बहुत से लोगों को खराब करती है। उन्होंने नई सरकार से आग्रह किया कि पंजाब के मुद्दों को उभारें और उनके हल तलाशें
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