इंडिया न्यूज, सांगली
जिला सांगली में एक बेटे ने अपने इंस्पेक्टर पिता का सिलिकॉन का स्टैच्यू बनवाया है। बेटे ने ऐसा अपने पिता को सम्मान देने और उन्हें हमेशा अपने पास रखने की मंशा लिए किया। यह प्रतिमा सोफे पर बैठी हुई मुद्रा में है और इसे देखकर एक बार तो आप भी धोखा खा सकते हैं। मूर्ति पर नजर आने वाला रंग, रूप, बाल, भौहें, चेहरा, आंखें और शरीर का लगभग हर हिस्सा देखने में बिल्कुल एक जीवित व्यक्ति की तरह ही दिखता है।

दावा- Maharashtra का पहला सिलिकॉन स्टैच्यू

इसे बनवाने वाले अरुण कोरे का दावा है कि यह महाराष्ट्र का पहला सिलिकॉन स्टैच्यू है। इसे अपने पिता स्व. रावसाहेब शामराव कोरे की याद में बनवाया है। बता दें कि स्व. रावसाहेब शामराव कोरे पेशे से आबकारी विभाग के निरीक्षक थे। पिछले साल कोरोना से उनकी मौत हो गई थी। रावसाहेब में दयालुता के गुण भरे हुए थे, यही कारण है कि उनकी इस प्रतिमा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आ रहे हैं।

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आकस्मिक निधन से लगा था गहरा सदमा

2020 में रावसाहेब शामराव कोरे के आकस्मिक निधन से उनके परिवार को गहरा सदमा लगा था और हर समय परिवार में उदासी छाई रहती थी और उनका पूरा परिवार उन्हें बहुत मिस कर रहा था। इसी दौरान बेटे अरुण के दिमाग में सिलिकॉन स्टैच्यू बनवाने का विचार आया और उन्होंने पिता की मूर्ति को बनाने के लिए बेंगलुरु के मूर्तिकार श्रीधर से बात की जिन्होंने पांच महीने तक कड़ी मेहनत करके उन्हें यह मूर्त दिया है।

आम इंसान की तरह ही दिखती है सिलिकॉन मूर्ति

एक सिलिकॉन मूर्ति की लाइफ करीब 30 साल होती है। सिलिकॉन मूर्ति को पहनाए गए कपड़े हर दिन बदले जा सकते हैं। यह मूर्ति आम इंसान की तरह दिखती है। अरुण कोरे कहते हैं कि इस प्रतिमा को देखकर अब उन्हें कभी अपने पिता की कमी महसूस नहीं होगी।