इंडिया न्यूज़ (दिल्ली):देश में कितने रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे है इसका डेटा उपलब्ध नहीं है,यह बाते सरकार ने राज्यसभा में कही,उत्तर प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ अनिल अग्रवाल ने इसको लेकर सरकार से सवाल पूछा था,डॉ अग्रवाल ने पूछा की क्या यह सच है की देश के विभिन्नन राज्यों में अवैध रूप से आए रोहिंग्या प्रवासी बड़ी संख्या में रह रहे है जो देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और साम्प्रदायिक सौहार्द के हित में नहीं है,यदि हां तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है? क्या सरकार ने इसको लेकर कोई मूल्यांकन करवाया है,यदि हां तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है? और सरकार द्वारा इन प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने के क्या कारेवाई की गई है?

इसपर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जवाब देते हुए कहा की वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश करने वालो को अवैध प्रवासी माना जाता है,क्योंकि ऐसे प्रवासी (रोहिंग्या सहित) देश में गुप्त तरीके से प्रवेश करने का प्रयास करते है,इसलिए ऐसे प्रवासियों के बारे में सटीक डेटा केंद्रीय रूप से उपलब्ध नहीं है.

अवैध प्रवासियों को निरुद्ध और निर्वासित करना एक सतत प्रक्रिया है,इन प्रवासियों को निर्वासित करने का अधिकार केंद्र सरकार को विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 3 (2) (ई) और 3 (2) (सी) के तहत निहित है,अवैध प्रवासियों को निरुद्ध और निर्वासित करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 258 (1 ) के तहत राज्य सरकारों को भी दिया गया है,वही संविधान के अनुच्छेद 239 (1) के तहत यह अधिकार केंद्र शासित प्रदेशो के प्रशासकों को भी दिया गया है.

आपको बता दे की रोहिंग्या मूल रूप से म्यांमार के रखाइन प्रान्त के रहने वाले है,वहां हिंसा और आतंकवाद के कारण,करोड़ की संख्या में शरणार्थी बांग्लादेश और भारत जैसे देशो में रह रहे है,भारत में बड़ी संख्या में ऐसे लोग राजधानी दिल्ली सहित अन्य हिस्सों में अवैध रूप से रह रहे है,देश में हुए कई हिंसक घटनाओ में इनका नाम आ चुका है और पुलिस द्वारा रोहिंग्या लोगो को गिरफ्तार भी किया गया है.