IndiaNews (इंडिया न्यूज),Inflation And IIP: खाने-पीने के उत्पादों की कीमतों में नरमी आने से मार्च में रिटेल महंगाई दर घटकर पांच महीनों के निचले स्तर 4.85 प्रतिशत पर आ गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 5.09 प्रतिशत थी जबकि मार्च, 2023 में यह 5.66 प्रतिशत पर रही थी। मार्च में रिटेल महंगाई दस महीनों के निचले स्तर पर रही है। इसके पहले जून 2023 में यह 4.81 फीसदी और अक्टूबर, 2023 में यह 4.87 प्रतिशत रही थी।
महंगाई पर राहत के बीच औद्योगिक उत्पादन को लेकर भी खबर आई है। औद्योगिक उत्पादन फरवरी 2024 में सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत बढ़ा। जिसमें फरवरी 2023 के मुकाबले कम ग्रोथ हुई है। औद्योगिक उत्पादन फरवरी 2023 में छह प्रतिशत बढ़ा था। वहीं अगर जनवरी 2024 से तुलना की जाय तो औद्योगिक उत्पादन बेहतर स्थिति में है। जनवरी में 2024 में औद्योगिक उत्पादन 3.8 फीसदी की दर से बढ़ा था।
महंगाई में क्यों आई कमी
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में खाद्य उत्पादों की महंगाई दर 8.52 प्रतिशत रही जबकि एक महीने पहले फरवरी में यह 8.66 प्रतिशत थी। खाद्य महंगाई में आई थी थोड़ी कमी का असर रिटेल महंगाई दर के कुल आंकड़ों पर दिखा है। रिजर्व बैंक खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत कम या अधिक) के स्तर पर रखना चाहता है।
औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों का क्या मतलब
देश का औद्योगिक उत्पादन फरवरी 2024 में सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत बढ़ा। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन फरवरी 2023 में छह प्रतिशत बढ़ा था।एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि फरवरी 2024 में भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 5.7 प्रतिशत बढ़ा।इस साल फरवरी में खनन उत्पादन आठ फीसदी और बिजली उत्पादन 7.5 फीसदी बढ़ा।बीते वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-फरवरी के दौरान आईआईपी 5.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 5.6 प्रतिशत था।
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