Tamil Nadu Meenakshi Temple Is Famous For Its Craftsmanship : अगर आप तमिनलनाडु घूमने का प्लान बना रहे हैं तो मीनाक्षी मंदिर के दर्शन करने जरूर जाएं। अपनी शिल्पकला के लिए विश्वभर में मशहूर तमिलनाडु का मीनाक्षी मंदिर का इतिहास कई हजार वर्षों पुराना माना जाता है। है। इस मंदिर में शिल्पकारों द्वारा खूबसूरत और बारीक चित्रकारी की गई है। मंदिर की शिल्पकारी और अन्य विषेशताओं के कारण इसे विश्व के अजूबों में शामिल किया गया है। तमिलनाडु अपने खूबसूरत प्राचीन मंदिरों के लिए देशभर में मशहूर है।
यह मंदिर माता पार्वती के स्वरुप को समर्पित है (Tamil Nadu Meenakshi Temple Is Famous For Its Craftsmanship)
माता पार्वती के मीनाक्षी स्वरुप को समर्पित यह मंदिर तमिलनाडु के मदुरै शहर में स्थित है। मीनाक्षी मंदिर को मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर या मीनाक्षी अम्मान मंदिर के नाम से जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार माता मीनाक्षी देवी पार्वती का अवतार और भगवान विष्णु की बहन मानी जाती हैं।
अद्भुत वास्तुकला का उदाहरण (Tamil Nadu Meenakshi Temple Is Famous For Its Craftsmanship)
65 हजार वर्ग मीटर में फैले मन्दिर के अद्भुत स्थापत्य और वास्तु के कारण विश्व के सात अजूबों में शामिल किया गया है। वर्तमान के मीनाक्षी मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में करवाया गया था। यह दक्षिण में सबसे ऊंची इमारत है और इसकी ऊंचाई लगभग 160 फीट है। इस मंदिर में कुल 33 हजार मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर में आठ खंभो पर आठ लक्ष्मीजी की मूर्तियां अंकित हैं। मीनाक्षी मंदिर के केंद्र में देवी मीनाक्षी की मूर्ति है और कुछ दूरी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित है जिसे एक ही पत्थर से काटकर बनाया गया है।
शिव-पार्वती का था शासन (Tamil Nadu Meenakshi Temple Is Famous For Its Craftsmanship)
कथाओं के अनुसार भगवान शिव सुन्दरेश्वरर रूप में अपने गणों के साथ पांड्य राजा मलयध्वज की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरै नगर में आए थे। कहा जाता है कि विवाह के बाद भगवान शिव और माता पार्वती ने यहां कई वर्षों तक शासन किया था। आज जहां मीनाक्षी मंदिर स्थित है वहीं से शिव-पार्वती ने स्वर्ग की यात्रा आरंभ की थी।
हजारों की संख्या में भक्त करने आते हैं दर्शन (Tamil Nadu Meenakshi Temple Is Famous For Its Craftsmanship)
हर साल अप्रैल और मई माह में मीनाक्षी मंदिर में चिथिरई महोत्स्व मनाया जाता है। इस त्यौहार के दौरान हजारों भक्त मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। त्यौहार में कई धार्मिक संस्कार किए जाते हें जिसमें मीनाक्षी देवी का राज्याभिषेक, रथ उत्सव एवं देवताओं का विवाह आदि शामिल है। इस उत्सव की समाप्ति भगवान विष्णु के अवतार भगवान कल्लाज्हगा को मंदिर में वापस लाने से होती हैं।
पौराणिक कथाएं हैं प्रचलित (Tamil Nadu Meenakshi Temple Is Famous For Its Craftsmanship)
पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा मल्लय द्वज और रानी कांचन माला की बेटी को देवी मीनाक्षी माना जाता है जिसका जन्म कई यज्ञों के बाद हुआ था। यह तीन वर्ष की बालिका अंतिम यज्ञ की आग से प्रकट हुई थी। देवी मीनाक्षी को मां पार्वती का रूप माना जाता है जिन्होंने पृथ्वी पर अपने पिछले जीवन में कांचन माला को दिए गए वचन का सम्मान करने के लिए जन्म लिया था। ऐसा माना जाता है कि देवी मीनाक्षी से विवाह की कामना लेकर भगवान शिव सुंदरेश्वर के वेश में बहुत ही सुंदर रूप धारण कर धरती पर आए थे।
मंदिर की स्थापना की थी देवराज इंद्र ने (Tamil Nadu Meenakshi Temple Is Famous For Its Craftsmanship)
कथानुसार इंद्र देव ने इस मंदिर की स्थापना की थी। कहा जाता है कि अपने पापों के प्रायश्चित के लिए इंद्र देव तीर्थयात्रा पर निकले थे और इसी यात्रा के दौरान उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। जैसे ही वो मदुरै के स्वयंभू लिंग के पास पहुंचे, उन्हें लगा कि उनका बोझ कोई और उठाने लगा है। इस चमत्कार को देखते हुए उन्होंने स्वयं ही मंदिर में लिंग को प्रतिष्ठित किया।
Tamil Nadu Meenakshi Temple Is Famous For Its Craftsmanship
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