इंडिया न्यूज:
क्या करना है और क्या नहीं करना? इसे याद रखना बड़ा मुश्किल है। इसके अलावा बेकार आदतों को छोड़ना भी बहुत difficult है। इसे छोड़ने से अच्छा हम alopathy medicines का सेवन करने को समझ लेते हैं। स्वस्थ रहने के लिए क्या करें यह सबसे जरूरी है। आईए हम सब जानते हैं इस life style में स्वस्थ कैसे रह सकते हैं वह भी एलोपैथ के बिना…..आपको ऐसी दुनियाभर की खबरें पढ़ने को मिल रही होंगी, जिनमें healthy रहने के tips बताए जाते हैं। काफी मुश्किल लगता है ना ऐसे कामों पर लगाम लगाना जो हमारी daily life का हिस्सा बन चुके हों? तो इस बात की लंबी-चौड़ी list पर ध्यान देने की जगह कि हमें क्या नहीं करना है क्यों ना हम इस बात पर ध्यान दें कि हमें क्या-क्या एड करना है।
morning ही में तय कर लें पूरा दिन
वैद्य कहते हैं कि दिनभर tension free रहने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपने दिन की शुरूआत जल्दी करें। sunrise से पहले bed छोड़ दें और घर में ही कुछ देर चहलकदमी करें। इससे आपको सुस्ती उतारने में help मिलेगी इसके साथ ही आप morning से ही schedule बना लें कि आज आपको कौन-से जरूरी काम करने हैं, कि काम का तनाव आप पर हावी ना हो। साथ ही आप अपनी प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए काम करते चले जाएं। इससे शाम के समय आप अपने आप में बहुत अच्छा अनुभव करेंगे।
सबसे पहले हो जाएं fresh
morning के वक्त पेट साफ होने से स्वास्थ्य को विशेष लाभ मिलते हैं, जैसे शरीर में fitness रहती है, मन प्रसन्न रहता है और आप दिनभर खुद को energy अनुभव करते हैं। आप अपने कार्यों से बेहतर परिणाम प्राप्त कर पाते हैं क्योंकि इस स्थिति में आपका फोकस बढ़ा हुआ होता है।
yoga and physical exercise (योगासन और व्यायाम)
massage के बाद आपको कुछ समय योगासन के लिए निकालना चाहिए। अगर संभव ना हो तो मालिश के कम से कम 10 मिनट बाद स्नान करें। यदि आपके पास समय है तो कम से कम 30 minute तक योगाभ्यास करें और फिर 30 मिनट का अंतराल लेकर स्नान करें।
आपका mind और आशाएं
-सभी अलग-अलग कार्यक्षेत्रों से जुड़े होते हैं, ऐसे में सभी अपने-अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आपका मन और ध्यान एक साथ काम करे।
-मन और ध्यान को एक साथ लगाने के लिए god के सामने हाथ जरूर जोड़ें। या आप जिस भी धर्म को मानते हैं, उसके अनुसार ईश्वर को प्रणाम करें।
pure and healthy आहार
-आप जिसे नाश्ता या breakfast कहते हैं, वह अल्पाहार है। अर्थात अल्प-आहार। कभी भी सुबह के समय कभी भी इतना अधिक ना खाएं कि आपको ऊर्जा मिलने की जगह सुस्ती आने लगे।
-साथ ही आपका अल्पाहार ऐसा होना चाहिए, जो तासीर में हल्का लेकिन आपको ऊर्जा देनेवाला हो। आप दलिया, बेसन का चिल्ला, सूजी से बनी चीजें नाश्ते में खा सकते हैं।
हर काम मन लगाकर करें
आप अपने काम में अच्छे परिणाम चाहते हैं या कहिए कि अपनी प्रॉडक्टिविटी बढ़ाना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप अपने मन को केंद्रित रखें। अनावश्यक विचारों से बचें। मोबाइल आपका ध्यान भटकाने का काम करता है। संभव हो तो इसे साइलंट मोड पर रखें।
रात का भोजन हो हल्का और पाचक
-आयुवेर्दाचार्य का कहना है कि रात का भोजन आपको हल्का और सुपाच्य लेना चाहिए। अर्थात ऐसा भोजन जिसके पाचन में बहुत समय ना लगता हो।
-साथ ही रात को भोजन करने के तुरंत बाद सोने नहीं जाना चाहिए। कुछ देर घर में ही हल्के कदमों से चहलकदमी करनी चाहिए। प्रयास करें कि सोने से कम से कम दो घंटे पहले रात का भोजन कर लें। इन बातों को अपनाकर आप अपने बढ़ते हुए पेट को नियंत्रित कर सकते हैं।