इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
The Woman Power In UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) विधानसभा चुनाव में कुछ ऐसी महिलाएं मैदान में आयी हैं जिन्होंने भाजपा उम्मीदवारों को अच्छी खासी टक्कर देकर जीत हासिल की। बता दें विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने 144 महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था, और नारा दिया ‘ लड़की हूं लड़ सकती हूं’। इस चुनाव में खाली एक महिला प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की। (Congress Gave Tickets To 144 Women In UP, Won One, SP Won 13 Candidates)
election 2022: वहीं सपा ने 46 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा था जिसमें से सिर्फ 13 महिलाओं ने जीत दर्ज की। UP assembly election बहुजन समाज पार्टी की ओर से 37 महिला उम्मीदवार चुनावी दंगल में उतरी थीं लेकिन एक भी महिला जीत हासिल नहीं कर पायी। तो चलिए जानते हैं उत्तर प्रदेश की विपक्षी पार्टियों की उन महिलाओं के बारे में जिन्होंने योगी-मोदी की लहर को दी टक्कर।
The Woman Power In UP Assembly Elections 2022
डाक्टर पल्लवी पटेल: बता दें कि डाक्टर पल्लवी पटेल केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं और अपना दल (कमेरावादी) से उम्मीदवार हैं। उन्होंने अपनी मां कृष्णा पटेल संग इस बार अखिलेश के साथ गठबंधन किया था। पल्लवी पटेल ओबीसी नेता डाक्टर सोनेलाल पटेल की बेटी हैं। साल 1995 में सोनेलाल पटेल ने अपना दल पार्टी का गठन किया था। उनकी मौत के बाद पत्नी कृष्णा पटेल अपना दल की अध्यक्ष बनीं। बाद में अपना दल दो हिस्सों में बंट गया। उनकी सगी बहन अनुप्रिया पटेल अपना दल (सोनेलाल) से भाजपा के साथ मिलकर कई साल से चुनाव लड़ रही हैं।
- विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे केशव प्रसाद मौर्य को मात देकर सपा की ओर से चुनाव लड़ रहीं पल्लवी पटेल ने जीत दर्ज की है। समाजवादी पार्टी के गठबंधन से पल्लवी पटेल इन चुनाव में सिराथू सीट से उतरी थीं और 1,06,278 वोट हासिल किए। वहीं, उनके सामने खड़े हुए योगी सरकार के प्रदेश में सबसे बड़े चेहरों में से एक केशव प्रसाद मौर्य को 98,941 मत मिले थे। दोनों के बीच कड़ी टक्कर में डाक्टर पल्लवी पटेल ने 6,841 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। The Woman Power In UP Assembly Elections 2022
सैयदा खातून: सैयदा की 2017 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के राघवेंद्र प्रताप सिंह से कड़ी टक्कर हुई थी। तब वह 171 सीटों से चुनाव हार गई थीं। तब वह बसपा के साथ थीं। इस बार उन्होंने योगी की लहर पर अपना झंडा बुलंद कर दिया। पेशे से किसान सैयदा 43 वर्ष की हैं। इस समय वह 1.9 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन हैं। बता दें कि 2012 में बसपा की सीट से चुनाव लड़ा था, तब कांटे के मुकाबले में उनको हार मिली थी।
- बसपा का दामन छोड़ इस बार विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुई सैयदा खातून ने भाजपा को टक्टर देकर शानदार जीत हासिल की। डुमरियागंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हुए सैयदा को जनता ने 85,098 मत दिए तो वहीं उनके विरोध में भाजपा से खड़े हुए राघवेंद्र प्रताप सिंह को कुल 84,327 वोट मिले। सैयदा ने कांटे के मुकाबले में केवल 771 मतों से अंतर से जीत हासिल की।
पिंकी सिंह यादव: साल 2008 में असमोली विधानसभा सीट परिसीमन के बाद बनी थी। यहां 2012 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। तब से लेकर 2022 तक इस सीट पर पिंकी सिंह यादव का ही कब्जा है। 2012 और 2017 में भी वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही चुनाव लड़ी थी और जीती थी।
- 2022 विधानसभा चुनाव में संभल की असमोली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हुए पिंकी सिंह यादव ने जीत दर्ज की है। इसी के साथ वह तीसरी बार असमोली विधानसभा सीट से विधायक बन गई हैं। इस बार उन्हें 1,11,652 वोट मिले, जबकि उनके विरोध में खड़े हुए भाजपा के हरेंद्र कुमार को कुल 86,446 वोट मिले। पिंकी इस बार 25 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीती हैं।
नादिरा सुल्तान : कासगंज जिले की तीन विधानसभा सीट में से दो पर कमल खिल गया, मगर जिस सीट पर नादिरा सुल्तान चुनाव लड़ रही थी वहां भाजपा को जीत नहीं मिली। समाजवादी पार्टी के टिकट पर पटियाली सीट से चुनाव लड़ने वाली नादिरा को कुल 91,958 मत मिले। वहीं, उनके खिलाफ खड़े हुए भाजपा के ममतेश शाक्य को 87,957 वोट मिले। दोनों के बीच कांटे के टक्कर में नादिरा सुल्तान ने भाजपा प्रत्याशी को चार हजार वोट से हराया।
- नादिरा सुल्तान 2007 में कांग्रेस के टिकट पर भी पटियाली विधानसभा से चुनाव लड़ चुकी हैं। मगर तब वह तीसरे नंबर पर रही थीं। दरअसल, नादिरा सुल्तान सपा नेता आजम खान की रिश्तेदार हैं और कांग्रेस के पूर्व सांसद रहे मुशीर अहमद की बेटी हैं। वह करोड़ों की संपत्ति की मालकिन भी हैं। अपने चुनावी हलफनामे में नादिरा ने खुद को 30 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन बताया है। इस संपत्ति में उनके पास नगदी, जेवरात, गाड़ियां और हथियार भी शामिल हैं।
आराधना मिश्रा: प्रतापगढ़ जिले की रामपुर सीट से कांग्रेस को जीत दिलाने वाली आराधना मिश्रा ने विधानसभा चुनाव 2022 में जीत की हैट्रिक लगाई है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी नागेश प्रताप सिंह को 14,741 वोटों से हराया। आराधना को इस चुनाव में कुल 83,652 वोट मिले हैं।
- आराधना मिश्रा साल 2000 से उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी की सदस्य हैं। वह कांग्रेस विधायक दल की नेता भी रही हैं। आराधना को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है। आराधना को राजनीति का ज्ञान विरासत में मिला है वह राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी की बेटी हैं।
- प्रमोद तिवारी भी रामपुर खास सीट से लगातार 9 बार विधायक रह चुके हैं। 2013 में उनके राज्यसभा जाने के बाद से बेटी आराधना ही उनकी सीट संभाल रही हैं और इसे कांग्रेस का गढ़ बनाए हुए हैं। यहां पर अभी तक मोदी-योगी की लहर बेअसर रही है। इस बार भी आराधना ने रिकॉर्ड जीत हासिल की। उन्होंने 2012 में कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की मीडिया रणनीति की जिम्मेदारी भी कंधों पर ली थी।
The Woman Power In UP Assembly Elections 2022
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