इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
These Foods Can Cause Bloating: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। चेहरे पर झुर्रियां, सफेद बाल, त्वचा का मुरझाना जैसे बढ़ती उम्र के आम लक्षण हैं। इसी के साथ-साथ लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी होने लगती हैं। उम्र के एक पढ़ाव पर लोगों को मोतियाबिंद, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, गर्दन दर्द, मधुमेह सहित न जाने कितने ही विकारों का सामना करना पड़ता है।

उन्हीं में से एक है ब्लोटिंग। वृद्धावस्था में लोगों की सेहत को प्रभावित करने वाली हेल्थ कंडीशन की एक लंबी लिस्ट में ब्लोटिंग यानी पेट फूलना की भी एक बड़ी समस्या है। आम भाषा में इसे पेट की सूजन भी कहते हैं। पेट की सूजन को गेस्ट्राइटिस भी कहते हैं और इसके कई बार कोई लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन महसूस होते हैं।

ब्लोटिंग का मुख्य कारण खान-पान से जुड़ा है। कई लोगों का पाचन तंत्र नॉन-डाइजेस्टबल फाइबर फूड्स को आसानी से पचा नहीं पाता। यह फूड्स आपकी बड़ी आंत में जाकर अधिक फरमेंट होते हैं, जिसके कारण आपको गैस की समस्या बढ़ जाती है। ब्लोटिंग या पेट का फूलना भले ही एक सामान्य समस्या लगे, लेकिन वास्तव में यह स्थिति काफी असहज हो सकती है। कभी-कभी खाने के बाद पेट फूला हुआ महसूस होता है और इस स्थिति में आपको काफी अनकंफर्टेबल महसूस होता है। ब्लोटिंग की समस्या को दूर करने के लिए लोग कई तरह के नुस्खे भी अपनाते हैं। लेकिन इससे पहले जरूरी है कि आप इसके कारणों पर गौर करें। अब सवाल ये उठता है कि ऐसे कौन से फूड है जो ब्लोटिंग को ट्रिगर कर सकते हैं तो वह कुछ इस प्रकार हैं।

* सब्जियां: ब्रोकली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, और पत्ता गोभी।
* फल: आलूबुखारा, सेब, नाशपाती, और आड़ू।
* साबुत अनाज: गेहूं, जई, और गेहूं की भूसी।
* फलियां: बीन्स, दाल, मटर, और बेक्ड बीन्स।
* शुगर अल्कोहल और आर्टिफिशियल स्वीटनर्स: कृत्रिम मिठास और चीनी मुक्त च्युइंग गम में पाए जाने वाले जाइलिटोल, सोर्बिटोल और मैनिटोल।
* पेय: सोडा और अन्य काबोर्नेटेड पेय पदार्थ।

यूं निपटें ब्लोटिंग की समस्या से These Foods Can Cause Bloating

* सबसे पहले आप अपनी डाइट में सॉल्यूबल व इनसॉल्यूबल फाइबर की मात्रा को बढ़ाएं। इसके लिए आप होल ग्रेन, फ्रूट्स, वेजिटेबल, नट्स व सीड्स को खाएं।

* इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पेय पदार्थों का सेवन करना भी बेहद आवश्यक है। कोशिश करें कि आप दिन में कम से कम ढाई से तीन लीटर पानी का सेवन अवश्य करें।

* वहीं, नियमित रूप से एक्सरसाइज करना भी बेहद जरूरी है। आप वॉकिंग, जॉगिंग, स्विमिंग और साइकिलिंग जैसी एक्टिविटी को करीबन 30 मिनट के लिए अवश्य करें। यह बाउल मूवमेंट को रेग्युलेट करने में मदद करता है।

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