रोहित रोहिला, Punjab News। Punjab Assembly Budget Session : पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के पांचवे दिन प्रश्न काल के दौरान दिल्ली एयरपोर्ट तक चलने वाली सरकारी बसों को लेकर तीखी नोंकझोक हुई। जहां विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेर रहा था वहीं आप सरकार के मंत्री इस मुद्दे को लेकर विपक्ष को एक के बाद एक कर जवाब दे रहे थे।

विपक्ष की ओर से बार-बार इस बात को उठाया जा रहा था कि पहले बसों को किन कानूनों के तहत बंद किया गया और बाद में किन कानून के तहत दोबारा शुरू करने की इजाजत मिल गई। दरअसल विपक्ष सरकार को इस मुद्दे को लेकर घेरना चाहती थी।

बाजवा ने पूछा बसों के नहीं चलने से कितना नुकसान हुआ

एलओपी प्रताप बाजवा ने कहा कि पहले दिल्ली एयरपोर्ट के लिए पंजाब से सरकारी और प्राइवेट बसें चलती थी। लेकिन अचानक से उसे बंद कर दिया गया। लेकिन कुछ समय पहले ही इसे दोबारा शुरू कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि पहले इन बसों को किस कानून के तहत बंद किया गया था और अब इनकों चलाने की इजाजत किस कानून के तहत मिली। इससे सरकार को सालान कितना घाटा हुआ और प्राइवेट बसों को कितना फायदा पहुंचा।

मंत्री बोेल हमारी नीति और नीयत साफ

इस पर ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत भुल्लर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत इन बसों को बंद किया गया था। हमारी सरकार ने प्रयास कर इन बसों को दोबारा चलाया है।

उन्होंने पूर्व सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी नीति और नीयती में फर्क था और हमारी नीयती और नीति साफ है। इस पर बाजवा ने पलटवार करते हुए कहा कि हमे 5 सालों में और इनकों तीन महीने में ही रिजल्ट मिल गया।

बसें नहीं चलने से 5 करोड़ रुपये के राजस्व का हुआ नुकसान

बाजवा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने कई बार दिल्ली सरकार और दिल्ली एयरपोर्ट अथारिटी को पत्र लिखे। उन्होंने कहा कि पिछल्ले 5 सालों में इन बसों के नहीं चलने से लगभग 5 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।

इसके साथ ही बाजवा ने आप सरकार से इन बसों के दोबारा चलने को लेकर आर्डर की कापी दिखाने की मांग की। इस पर ट्रांसपोर्ट मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि इनकी सरकार को आखिर के दो महीने लगे और हमें तीन महीने का समय लगा इन बसों को चलाने के प्रयास करने में।

पूर्व मंत्री ने सरकार को घेरने के लिए संभाला मोर्चा

पूर्व ट्रांसपोर्ट मंत्री वड़िंग ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने बसों को चलने को बंद किया था तो अब चलने और बसें बंद होने संबंधी कोर्ट के आर्डर की कापी टेबल करने की मांग की।

वंड़िग ने कहा कि पिछली सरकार के ट्रांसपोर्ट मंत्रियों ने 13 बार दिल्ली सरकार और दिल्ली एयरपोर्ट अथारिटी को पत्र लिखे थे। इस पर ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा कि उन्होंने दिल्ली से परमिशन लेकर बसों को चलाया है। इस मुद्दे को लेकर दोनों दलों के नेताओं के बीच तीखी नोंक झोंक हुई।

आदेशों की कापी टेबल करने की मांग

इसके बाद प्रताप बाजवा ने एक बार फिर से कमान संभालते हुए कहा कि सरकार बसों को रोके जाने और चलाए जाने बारे हुए आदेशों की कापी को सदन में टेबल करे। वहीं सरकार के बचाव में उतरे विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि ट्रांसपोर्ट के बारे में काफी बात हो रही है।

उन्होंने कहा कि दो प्रकार के परमिट होते है। जिसमें से एक तो स्टेट कैरिज परमिट और दूसरा कांट्रेक्ट कैरिज परमिट। लेकिन पिछली सरकार के समय कांट्रेक्ट कैरिज वाली प्राइवेट बसें कैसे बस स्टैंड के अंदर जाकर सवारियां उठा रही थी।

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