which One is Better For investment PPF or ELSS

दोनों स्कीम में 1.5 रुपए तक के निवेश पर छूट का लाभ मिलेगा (PPF-ELSS)

किसी भी स्कीम में रुपए निवेश करने से पहले कई बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। जैसा कि स्कीम में रिटर्न कितना मिलेगा, टैक्स छूट में लाभ मिलेगा या या नहीं, कितना ब्याज मिलेगा। ऐसे ही कई सवाल रुपए निवेश करने से पहले सबके मन में आते हैं। जिसके जवाब के रूप में आप पब्लिक प्रॉविडेंट फंड ( PPF) और इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम ( ELSS) ,ऐसी स्कीम है जिसमें रुपए लगाने से आप टैक्स में छूट भी पा सकेंगे और आपको बेहतर रिटर्न भी मिलेगा। इन दोनों स्कीम्स में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80c के तहत 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। हम आपको इन दोनों स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं।

500 रुपए से खोला जा सकता है PPF अकाउंट (PPF-ELSS)

पीपीएफ यानि पब्लिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम को बैंक या डाकखाना में कहीं भी खोला जा सकता है या फिर किसी भी बैंक या पोस्ट आफिस में ट्रांसफर किया जा सकता है। पीपीएफ अकाउंट केवल 500 रुपए से शुरू किया जा सकता है। जिसके बाद हर साल कम से कम 500 रुपए एक बार में जमा करना जरूरी है। वहीं इस अकाउंट में प्रतिवर्ष 1.5 लाख रुपए की अधिकतम राशि जमा की जा सकती है। यह खाता 15 वर्ष तक चलाना जरूरी है। जिसे 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। 15 साल से पहले आप इसे बंद नहीं कर सकते। हां पॉलिसी शुरू होने के 3 साल बाद आप इस अकाउंट के बदले लोन ले सकते हैं। हर तीन महीने में सरकार ब्याज दरों की समीक्षा करती है। फिलहाल इस अकाउंट पर 7.1% ब्याज मिल रहा है।

ELSS में अधिकतम निवेश की नहीं की है कोई सीमा (PPF)

पीपीएफ के विपरीत ELSS में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। हां पर इसमें 1.5 लाख रुपए की अधिकतम टैक्स छूट ली जा सकती है। वहीं 3 साल के लिए इस स्कीम में निवेश लॉक-इन रहता है। जिसके बाद निवेशक चाले तो पूरा पैसा निकाल ले या जरूरत अनुसार। ELSS में अगर निवेशक बीच-बीच में रुपए चाहता है तो वह डिविडेंट पे-आउट का आॅप्शन ले सकता है लेकिन इनकम टैक्स बचाने के इच्छुक स्कीम सक पैसा नहीं निकाल सकते। यक स्कीम भी 500 रुपए के निवेश से शुरू हो सकती है। जिसे सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिए शुरू किया जा सकता है।

मार्केट रिस्क से बचने के लिए PPF में करें निवेश (ELSS)

वैसे तो दोनों ही स्कीम की अपनी खासियत और कमियां है और दोनों में ही इन्कम टैक्स बचाया जा सकता है। अगर आप मार्केट के रिस्क से बचना चाहते हैं और सिर्फ टैक्स ही बचाना चाहते हैं तो पीपीएफ आपके लिए अच्छा विकल्प है।

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