इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Why Are Plastic Bottles Harmful: कोरोना महामारी के दौरान कई लोगों ने अपनी लाइफ स्टाइल में काफी बदलाव किया। इसमें एक मिनरल वॉटर भी शामिल है। आज के समय गिलासों की जगह ज्यादातर सभी लोग प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीते हैं क्योंकि चाहे सर्दी हो या गर्मी कई लोग लंबे समय तक प्लास्टिक के बोतल में पानी स्टोर करके रखते हैं। और पीने लगते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि प्लास्टिक की बोतलें केमिकल्स और बैक्टीरिया से भरी हुईं होती हैं और स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक होती हैं। आइए जानते हैं प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीने से क्या-क्या नुकसान होते हैं।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी आफ सिनसिनाटी की एक रिसर्च के मुताबिक, प्लास्टिक की बोतल में बिस्फेनॉल ए (बीपीए) नाम का केमिकल होता है। साथ ही इसमें हानिकारक केमिकल्स और बैक्टीरिया होते हैं। इससे शुगर और कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों हो सकती हैं।
Why Should we Not Drink Water In A Plastic Bottle?
अमेरिका की यूनिवर्सिटी की रिसर्च बताती है कि सॉफ्ट ड्रिंक्स, जूस या पानी की बोतल पॉलिथीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) प्लास्टिक से बनी होती है। इसका सबसे लाइट वेट प्लास्टिक होता है। टेम्परेचर बढ़ने के कारण इससे हानिकारक केमिकल्स रिलीज होते हैं। ये केमिकल पानी के साथ ही हमारे शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं। इस कारण कैंसर सहित कई और बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है।
कितने लोगों पर हुआ रिसर्च?
आपको बता दें कि कम कम से पांच हजार लोगों पर एक रिसर्च किया गया। ये लोग पानी पीने के लिए ज्यादातर प्लास्टिक की बोतल का प्रयोग करते थे। इस रिसर्च में उन लोगों के यूरिन टेस्ट से पता चला की ज्यादातर लोगों को हार्मोन से जुड़ी समस्या थी। ये ऐसे लोग हैं जो प्लास्टिक या कोल्ड ड्रिंक की बोतल में पानी पिया करते थे। इसका कारण प्लास्टिक की बोतल में मिलने वाले हानिकारक केमिकल्स थे। बताया जाता है कि सिंगल प्रयोग प्लास्टिक बोतल के इस्तेमाल से कई और बीमारियों की आशंका है।
सिंगल यूज बोतल पर क्यों होते हैं बैक्टीरिया?
जिन बोतलों में उन लोगों ने लगातार एक सप्ताह तक पानी पिया था। आपको बता दें कि उन बोतलों पर एक टॉयलेट सीट से भी ज्यादा बैक्टीरिया मिले थे। इसमें से 60 फीसदी जर्म्स गंभीर रूप से बीमार करने के लिए काफी थे। इसलिए सिंगल यूज प्लास्टिक बोतलों को एक बार इस्तेमाल के बाद रिसाइकिल करना चाहिए।
किन बीमारियों का होता है खतरा? (Why Are Plastic Bottles Harmful)
कैंसर: टेम्परेंचर बढ़ने पर प्लास्टिक ‘डाइआॅक्सिन’ नाम का केमिकल रिलीज करता है। हायली टॉक्सिक होने के कारण इससे ब्रेस्ट कैंसर और पीसीओएस की आशंका होती है। आपको बता दें कि प्लास्टिक गर्म वातावरण में पिघलती है। जब हम कार या बाइक में प्लास्टिक की बोतल रखते हैं तो ये सूर्य की सीधी रोशनी के संपर्क में आ जाता है। इस हीटिंग से डाआॅक्सिन निकलता है जो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।
- कब्ज, गैस की समस्या: इसमें मिलने वाले केमिकल्स के कारण कब्ज, गैस और आंत से जुड़ी समस्या हो सकती है।
- स्पर्म काउंट कम होता है: प्लास्टिक में फैथलेट होता है जो हमारे लिवर कैंसर का खतरा बढ़ाता हे। साथ ही इससे स्पर्म काउंट भी कम होता है।
- एबॉशर्न का खतरा: गर्भधारण करने के बाद अगर प्लास्टिक की बोतल में रेगुलर पानी पिया जाए तो, एबॉशर्न का खतरा होता है। साथ ही फर्टिलिटी से संबंधित समस्याएं होती हैं।
- डायबिटीज: प्लास्टिक की बोतल से फ्लोराइड और आर्सेनिक रिलीज होते हैं। इससे डायबिटीज होने की आशंका रहती है।
बांस की बोतल से क्यों पीना चाहिए पानी?
- स्लो एजिंग: बांस की बोतल में रखे पानी में एंटीआॅक्सीडेंट होते हैं। जो एजिंग प्रोसेस को स्लो करने का काम करते हैं।
- स्किन और बालों के लिए अच्छा: बांस में मौजूद सिलिका झुर्रियों को रोकने में मदद करता है। साथ ही इससे बालों की ग्रोथ भी अच्छी होती है।
- इम्यूनिटी बढ़ाएं: बांस में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाया जाता है, जो आपको जर्म्स से बचाने के सााि आपकी इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है।
- हड्डियां मजबूत करे: ग्लाइकोसाइड्स और सिलिका की मौजूदगी की वजह से हड्डियां भी मजबूत बनी रहती हैं।
- फ्लू से बचाए: इसमें लैक्टोन, पॉलीफेनोल्स, होम्युरेंटिन, आइसोविटेक्सिन, ट्राईजिन और ओरियेनिन जैसे फ्लेवोनॉयइस होते हैं, जो सर्दी-खांसी और फ्लू जैसी बीमारियों को रोकने में कारगार साबित होता है।
कौन सी बोतलें ज्यादा फायदेमंद होती हैं?
- कांच की बोतल।
- टेराकोटा की बोतल।
- स्टेनलेस स्टील की।
- तांबे की बोतल।
- एल्युमिनियम की बोतल।
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