India News (इंडिया न्यूज), MP strange protest: मध्य प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में एक अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर 12 प्रदर्शनकारी सफेद चादर में लिपटे हुए शव की मुद्रा में लेट गए और 12 मिनट तक ऐसे ही रहे। जब वे एक-एक कर उठे तो वहां मौजूद लोग देखते रह गए। यह विरोध भोपाल से आए जहरीले कचरे के निपटान के खिलाफ किया गया।
भोपाल से आया 337 मीट्रिक टन रासायनिक कचरा
पीथमपुर बचाओ समिति के अध्यक्ष डॉ. हेमंत हीरोले ने बताया कि 1 जनवरी 2025 की रात 12 कंटेनरों में यूनियन कार्बाइड भोपाल का जहरीला कचरा रामकी एनवायरो कंपनी में लाया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कचरे का निपटान पीथमपुर में किया गया, तो यह शहर और आसपास के गांवों को प्रदूषित कर देगा। अगर प्रशासन ने कदम नहीं उठाया, तो बड़ा आंदोलन होगा।
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पहले भी पड़ चुका है जहरीले कचरे का असर
भोपाल गैस पीड़ित कार्यकर्ता साधना कर्णिक प्रधान ने बताया कि 2015 में भी यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने का असर पीथमपुर के मजदूरों और कर्मचारियों पर पड़ा था, जिससे कई लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो गए थे। अब 337 मीट्रिक टन कचरा लाया गया है और यह आशंका है कि भोपाल में पड़ा 1 लाख मीट्रिक टन कचरा भी यहां लाया जा सकता है।
प्रशासन का दावा, नहीं है कोई खतरा
वहीं, सरकार के मंत्री मोहन यादव ने कहा कि कचरे के निपटान से किसी तरह का खतरा नहीं है। पूरी प्रक्रिया की वैज्ञानिक जांच हो चुकी है और कोर्ट के आदेश के तहत ही कार्रवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बिना कोई अगला कदम नहीं उठाया जाएगा। इस घटना ने क्षेत्र में प्रशासन और जनता के बीच भरोसे की खाई को गहरा कर दिया है। अब सभी की नजरें इस मुद्दे पर कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।