India News (इंडिया न्यूज), Arif Masood: मध्य प्रदेश में भोपाल विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती देने वाला मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस याचिका पर सोमवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के इंतजार में टाल दिया गया।

क्या है मामला?

आरिफ मसूद के खिलाफ पराजित भाजपा प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह ने चुनाव याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि मसूद और उनकी पत्नी ने नामांकन पत्र में अपने लोन का उल्लेख नहीं किया था। यह लोन SBI की अशोक नगर शाखा से लिया गया था। हाई कोर्ट ने इस संबंध में दस्तावेजों की जांच के लिए तत्कालीन बैंक मैनेजर को तलब किया था। बैंक मैनेजर ने कोर्ट को बताया कि आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के नाम पर लोन की प्रविष्टि बैंक रिकॉर्ड में नहीं है।

उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल उत्सव, MP के खिलाड़ी दिखाएंगे दम, विशेष पुरस्कार की हुई घोषणा

सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंचा मामला

हाई कोर्ट ने आरिफ मसूद को गवाहों की सूची प्रस्तुत करने के लिए अंतिम मोहलत दी थी। लेकिन मसूद ने सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए याचिका दायर की कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया गया। इसके बाद हाई कोर्ट ने यह मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक स्थगित कर दिया।

याचिकाकर्ता का आरोप

भाजपा प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह का आरोप है कि मसूद और उनकी पत्नी ने बैंक लोन की जानकारी छिपाई। बैंक के अनुसार, यह लोन बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से स्वीकृत किया गया था। हालांकि, बैंक मैनेजर ने यह भी कहा कि लोन रिकॉर्ड को एनपीए कर दिया गया है और मसूद को कोई अधिकृत रिकवरी लेटर नहीं भेजा गया।

अदालत की स्थिति

हाई कोर्ट ने मसूद को निर्देश दिए थे कि वे गवाहों की नई सूची पेश करें। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही इस मामले पर आगे की सुनवाई होगी।
इस पूरे मामले पर सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह न केवल एक कानूनी मामला है, बल्कि चुनावी पारदर्शिता से भी जुड़ा हुआ है।

PRTS इंस्पेक्टर की पत्थरों से कुचलकर बेरहमी से हत्या, तीन दिन बाद हुई शव की पहचान, जाने क्या थी वजह