India News (इंडिया न्यूज),Ujjain News: महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल ने अपने भक्तों को 9 दिनों तक अलग-अलग रूपों में दर्शन दिए। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे और भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। गुरुवार सुबह बाबा महाकाल का सेहरा सजाया गया। सेहरा दर्शन के लिए भी आज मंदिर में बढ़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

फूलों से सजाया गया

आपको बता दें कि महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल के 44 घंटे लगातार पट खुले हुए हैं। अलग-अलग राज्यों से आने वाले श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेते हैं। इस साल भी लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। 27 फरवरी गुरुवार को बाबा महाकाल दूल्हा बनने के बाद बाबा के सेहरे को खास फूलों से सजाया गया। इस सेहरे को 3  किवंटल फूलों से सजाया गया था, जिसमें 100 किलो आंकड़े के फूल, सवा लाख बेल पत्र, 200 किलो देसी फूल से 11 फीट का सेहरा बनाया गया था।

कोई उल्लेख नहीं किया गया

आपकी जानकारी के  लिए बता दें कि महाकाल मंदिर के पंडित महेश पुजारी ने बताया कि सेहरा शृंगार का दर्शन पूरा होने के बाद महाकाल को चढ़ाया गया। शृंगार जब उतारा जाता है तो इसे लूटने के लिए भी भक्त उतावले दिखाई देते हैं। इस परंपरा के बारे में शास्त्रों में तो कोई उल्लेख नहीं हुआ है लेकिन इसे सेहरा लूटने की परंपरा बोला जाता है। बता दें कि मंदिर से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सेहरे के धान को घर में रखने से मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद  रहता है और घर में सुख समृद्धि का वास होता है। वहीं सेहरे के फूलों को लोग अपने घर की तिजोरी में रखते हैं ताकि धन की बरकत बनी रहे। फलों को भक्त प्रसादी के रूप में अपने साथ ले जाते हैं।