India News (इंडिया न्यूज),Sehore: जिले में रेत खनन और परिवहन पर प्रशासन की सख्ती से हाहाकार मच गया है। मजदूर, ट्रक मालिक, ड्राइवर, ठेकेदार और कारीगरों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि सोमवार को सैकड़ों ट्रांसपोर्टरों, ड्रायवरों क्लीनरों और मजदूरों ने कलेक्ट्रेट में खनिज विभाग की मनमानी के खिलाफ धरना देकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर वंदना राजपूत को दिया है।
आर्थिक संकट में घिर कर रह गए
सेण्ड ट्रक आनर्स एसोशिएशन, सर्व चालक कल्याण संघ और मजदूरों के संगठनों ने संयुक्त रूप से बताया कि खनन विभाग, राजस्व विभाग और प्रशासन की कार्रवाई के चलते रेत खनन और परिवहन कार्य जिले में लगभग ठप हो गया है। मजदूरों को रेत खदानों में काम करने से रोका जा रहा है, छोटे वाहनों को जब्त किया जा रहा है और ट्रक मालिकों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। हालत यह है कि रॉयल्टी चुकाने के बावजूद ट्रक और डंपर जब्त किए जा रहे हैं, जिससे ट्रांसपोर्टर भारी आर्थिक संकट में घिर कर रह गए हैं।
फाइनेंसरों ने जब्त कर लिया
जिसका असर प्रदेश के सभी जिलों में भी देखा जा रहा है। करीब 50 हजार ट्रक और 1 लाख छोटे वाहन रेत परिवहन के काम से जुड़े हैं। इससे लगभग 2 लाख ड्राइवर और उनके परिवारों सहित 10 लाख लोगों की रोजी-रोटी मिलती है। इसके अलावा, घर निर्माण से जुड़े कारीगर, मिस्त्री, ठेकेदार, मैकेनिक और अन्य छोटे कारोबारी भी इस रोक के कारण प्रभावित हो रहे है। रेत नहीं मिलने से ट्रांसपोर्टरों की बैंक किश्तें अटक गई हैं, जिससे कई ट्रकों को फाइनेंसरों ने जब्त कर लिया है।