India News (इंडिया न्यूज),Sickle Cell Disease: MP सरकार सिकल सेल बीमारी से निपटने के लिए नए तरीके अपना रही है। जुलाई 2023 में PM मोदी ने शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (NSCEM) की शुरुआत की। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने राज्य में सिकल सेल एनीमिया से जुड़ी पहलों की जानकारी वाली 1 पुस्तिका PM को दी। आदिवासी आबादी वाले 20 जिलों में गर्भवती महिलाओं की जांच अनिवार्य होगी। गर्भधारण जारी रखने वाली महिलाओं के लिए विशेष प्रोटोकॉल होगा। MP-NHM की मिशन निदेशक डॉ. सलोनी सिदाना ने यह जानकारी दी।
जिलों में गूंज रहा है
आपको बता दें कि एमपी-एनएचएम भोपाल और इंदौर के बाद रीवा में तीसरा विशेष केंद्र खोलने की योजना बना रहा है। यह केंद्र प्रसवपूर्व आनुवंशिक जांच के लिए होगा। ‘कुंडली मिलाने से पहले, कार्ड मिलाओ’ का नारा 20 आदिवासी जिलों में गूंज रहा है। स्वास्थ्य रोकथाम के तरीकों में जांच और जागरूकता अभियान शामिल हैं।MP में 95 लाख से अधिक लोगों की जांच की गई और 70 लाख लोगों को जेनेटिक कार्ड मिले।
मरीजों की औसत उम्र 45 साल होती है
आपको बता दें कि चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि सिकल सेल बीमारी गर्भावस्था और प्रसव के दौरान होने वाली मौतों का 1 बड़ा कारण है। अनुमान है कि सिकल सेल बीमारी से प्रभावित लगभग 20% लोग 2 साल के भीतर और 30% लोग वयस्क होने से पहले ही मर जाते हैं। उचित उपचार के बिना बाकी मरीजों की औसत उम्र 45 साल होती है।
पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है
जानकारी के लिए बता दें कि सिकल सेल बीमारी एक आनुवंशिक रोग है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करती है। इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाएं हंसिया के आकार की हो जाती हैं। इससे रक्त प्रवाह में बाधा आती है। शरीर के विभिन्न अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इसके कारण दर्द, थकान, और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।